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इस किताब के जरिये भ्रष्टाचार की कलई खोलेंगे ट्रंप के वफादार कश्यप 'काश' पटेल

पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प ने अपने वफादार काश पटेल की पीठ थपथपाई है। उन्होंने ट्रुथ सोशल पर लिखा- महान अमेरिकी काश पटेल के पास डीप स्टेट का सफाया करने के बारे में एक नई किताब है जिसकी बिक्री चालू है।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के वफादार कश्यप 'काश' प्रमोद पटेल की इस महीने के अंत में एक किताब आने वाली है। दावा किया जा रहा है कि 'गवर्नमैंट गैंगस्टर्स' नाम की यह किताब अमेरिका में सरकारी स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाटार की परतें उधेड़ने वाली है। काश पटेल पेंटागन के पूर्व अधिकारी रहे हैं और लंबे समय तक हाउस इंटेलिजेंस कमेटी के सहयोगी भी। किताब का विमोचन इस महीने के अंतिम सप्ताह में होगा।

बताते हैं कि इस किताब के जरिये भारतीय-अमेरिकी पटेल  'डीप स्टेट' के भ्रष्टाचार को उजागर करना चाहते हैं। किताब के सारांश में लिखा है कि इसमें क्या है। सारांश के अनुसार किताब में 'स्थायी सरकारी नौकरशाही के भीतर प्रमुख खिलाड़ियों और रणनीति का खुलासा किया गया है जिसने दशकों से अमेरिकी लोगों और उनके निर्वाचित नेताओं से सत्ता छीन रखी है।'

किताब के माध्यम से पटेल ने दावा किया है कि 'डीप स्टेट' अस्तित्व में है। 

सारांश का यह हिस्सा एमेजॉन पर है। इसके मुताबिक निजी जानकारी के आधार पर पटेल ने खुलासा किया कि हम डीप स्टेट को कैसे हरा सकते हैं, स्वशासन को फिर से स्थापित कर सकते हैं और अपने लोकतंत्र को बहाल कर सकते हैं।

किताब के माध्यम से पटेल ने दावा किया है कि 'डीप स्टेट' अस्तित्व में है। उन्होंने कहा कि उनकी इच्छा है कि वह डीप स्टेट पर एक किताब नहीं लिख रहे थे, लेकिन चाहे वह न्याय विभाग हो, डीओडी, इंटेल समुदाय या फिर विदेश विभाग जहां भी मैं रहा ऊपरी नेतृत्व में हमेशा 'बुरे खिलाड़ी' थे। पता चला है कि पहले यह किताब 19 सितंबर को रिलीज होने वाली थी लेकिन संघीय सरकार के कारण इसमें देरी हो गई। अब यह किताब 26 सितंबर को रिलीज होगी।

इस बीच पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प ने अपने वफादार काश पटेल की पीठ थपथपाई है। उन्होंने ट्रुथ सोशल पर लिखा- महान अमेरिकी काश पटेल के पास डीप स्टेट का सफाया करने के बारे में एक नई किताब है जिसकी बिक्री चालू है। पिछले साल भी ट्रम्प ने पटेल की चिल्ड्रन बुक 'दि प्लॉट अगेंस्ट दि किंग' का खुलकर समर्थन किया था और अपने समर्थकों से आग्रह किया था कि वे इस किताब को अमेरिका के हर स्कूल तक ले जाएं।

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