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भारत में शिक्षा Vs उच्च शिक्षा Vs प्राथमिक शिक्षा

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने हाल ही में विदेशी संस्थानों को भारत आने की अनुमति देने के व्यापक मापदंडों के बारे में बात की है। अमेरिका, यूरोप, एशिया प्रशांत क्षेत्र या कहीं और से कोई संस्थान भले ही भारत आ सकता है लेकिन एक भारतीय युवा फिर भी पढ़ाई के लिए विदेश जाना चाहेगा। कारण है टोटल पैकेज।

सांकेतिक तस्वीर (साभार सोशल मीडिया)

भारत के शैक्षणिक गलियारों में आजकल इस बात पर बहस चल रही है कि विदेशी उच्च शिक्षण संस्थानों को ज्ञान प्रदान करने और अपनी जमीन साझा करने के लिए देश में आने की अनुमति दी जानी चाहिए या नहीं। अभी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विदेशी संस्थानों को अनुमति देने के व्यापक मापदंडों के बारे में बात की है। इसका ब्योरा आने वाले हफ्तों और महीनों में तैयार किया जाना है।

सांकेतिक तस्वीर (साभार सोशल मीडिया)

कुछ लोग यह तर्क दे सकते हैं कि यूजीसी का निर्णय (हालांकि यह शर्तों के साथ है) सही दिशा में एक कदम है और भारत के युवाओं के लिए बिना किसी प्रयास के सर्वश्रेष्ठ प्राप्त करने का अवसर है। माना जाता है कि हर साल करीब 1,25,000 भारतीय छात्र उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाते हैं। इस मामले में वे अमेरिका को तरजीह देते हैं।

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