भारत में प्रतिबंधित बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ 7 मार्च की शाम 6 बजे वाशिंगटन डीसी स्थित नेशनल प्रेस क्लब में प्रदर्शित की जाएगी। इस कार्यक्रम को इंडियन अमेरिकी मुस्लिम काउंसिल (IAMC) का समर्थन प्राप्त है। डॉक्यूमेंट्री दिखाने के अलावा इसके ऊपर पर एक पैनल चर्चा भी आयोजित की जाएगी जिसकी अध्यक्षता IAMC ही करेगा।
जानकारी के अनुसार डॉक्यूमेंट्री का कुछ भाग इस कार्यक्रम में दिखाया जाएगा। उसके बाद इस पर होने वाली चर्चा में गुजरात दंगों के पीड़ित इमरान दाऊद और उनके चाचा युसूफ दाऊद शामिल होंगे। उस वक्त गुजरात में पुलिस अधिकारी रहे संजीव भट्ट की बेटी आकाशी भट्ट भी मौजूद रहेंगी।
नेशनल प्रेस क्लब के अध्यक्ष एलीन ओ’रेली और नेशनल प्रेस क्लब पत्रकारिता संस्थान के अध्यक्ष गिल क्लेन ने साझा बयान में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि भारत वैसे तो सबसे बड़ा लोकतंत्र है लेकिन अगर वह प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म करता है और पत्रकारों को प्रताड़ित करता है तो वह इस पहचान को बनाए नहीं रख सकता। दोनों ने बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर लगा प्रतिबंध हटाने की भी मांग की।
बता दें कि 17 जनवरी को भारत सरकार ने आईटी एक्ट के तहत बीबीसी की इस डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगा दिया था। नेशनल प्रेस क्लब की प्रेस रिलीज में आरोप लगाया गया है कि मोदी सरकार ने इस डॉक्यूमेंट्री को ब्लॉक करने के लिए ट्विटर और यूट्यूब को भी मजबूर किया। यह डॉक्यूमेंट्री 2002 के गुजरात दंगों में मोदी की भूमिका की जांच पर आधारित है। वह उस वक्त गुजरात के मुख्यमंत्री थे।
हालांकि आपको बता दें कि भारत की सर्वोच्च अदालत द्वारा गठित एसआईटी मोदी को इस मामले में क्लीन चिट दे चुकी है। इतना ही नहीं अदालत ने एसआईटी के काम की एक वक्त तारीफ करते हुए कहा था कि राज्य प्रशासन के कुछ अधिकारियों की लापरवाही का मतलब यह नहीं कि पूरी साजिश राज्य प्रशासन की थी। सुप्रीम कोर्ट ने संजीव भट्ट और आरबी श्रीकुमार को झूठी गवाही देने के लिए फटकार भी लगाई थी।