भारत के संविधान निर्माता और सामाजिक कार्यकर्ता बाबा साहेब के सम्मान में न्यूयॉर्क शहर में एक चौराहे का नाम डॉ. बीआर आंबेडकर रखा गया है। यह न्यूयॉर्क का 61वीं स्ट्रीट और ब्रॉडवे का चौराहा है। चौराहे के सह-नामकरण समारोह की मेजबानी कांउसिसलवूमन जूली वोन और न्यूयॉर्क के श्री गुरु रविदास मंदिर ने की थी जो 61वीं स्ट्रीट और ब्रॉडवे के चौराहे पर स्थित है।
इस समारोह में कांग्रेस सदस्य ग्रेस मेंग, राज्य सीनेटर माइकल जियानारिस, विधानसभा सदस्य स्टीवन रागा और भारत के महावाणिज्य दूत रणधीर जयसवाल भी उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान वोन ने कहा कि डॉ. आंबेडकर जातिगत भेदभाव के खिलाफ एक अंतरराष्ट्रीय प्रतीक थे। श्री गुरु रविदास मंदिर और हजारों दलित समुदाय के सदस्यों के लिए न्यूयॉर्क एक घर है और इस नाते से मैं इसके नामकरण के समारोह में शामिल होकर सम्मानित महसूस कर रही हूं। वोन ने कहा कि इस सड़क का सह-नामकरण करके हमने डॉ. अंबेडकर के जीवन और उनके योगदान को याद किया है।
वहीं न्यूयॉर्क स्थित भारत के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने भी इस समारोह की तस्वीरें साझा की हैं और लिखा है कि भारतीय संविधान के निर्माता को दिए गए सम्मान के लिए हम आभारी हैं। मालूम हो कि बाबा साहेब के नाम से मशहूर डॉ. बीआर आंबेडकर एक अर्थशास्त्री, कानून विशेषज्ञ और समाज सुधारक थे। उनका जीवन सामाजिक समानता और भारत में जाति व्यवस्था के उन्मूलन के लिए समर्पित रहा।
उन्हें संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था और उन्होंने स्वतंत्रता के बाद भारत में दलित और अल्पसंख्यक अधिकार आंदोलन का भी नेतृत्व किया। मध्य प्रदेश में जन्मे अंबेडकर न्यूयॉर्क शहर में कोलंबिया विश्वविद्यालय में अध्ययन करने के लिए अमेरिका में भी रहे थे। यहां उन्होंने अर्थशास्त्र में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की थी।
आंबेडकर की जीवन यात्रा दलित समुदाय के उत्थान के लिए उनकी खोज को दर्शाती है। उन्होंने जाति व्यवस्था और भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाने के लिए 1936 में एनिहिलेशन ऑफ कास्ट नामक पुस्तक भी प्रकाशित की थी।
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