अमेरिका में भारतीय संस्थानों और हिंदू मंदिरों पर हो रहे हमलों और तोड़-फोड़ की भारतीय अमेरिकियों के विभिन्न संगठनों ने निंदा की है। ‘इंडियन डायस्पोरा अगेंस्ट हेट’ (IDAH) नाम के एक भारतीय अमेरिकी फोरम ने यह जानकारी दी है। संगठन ने बताया कि अमेरिका में विभिन्न पृष्ठभूमि (सांस्कृतिक, भाषाई और धार्मिक) के कई भारतीय अमेरिकी संगठनों ने हिंसक हमलों की निंदा करते हुए एक पत्र पर भी हस्ताक्षर किए हैं। सभी संगठनों ने प्रशासनिक अधिकारियों और संघीय, राज्य व स्थानीय कानून प्रवर्तन से भारतीय अमेरिकी समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी आह्वान किया है।
‘इंडियन डायस्पोरा अगेंस्ट हेट’ ने बताया कि अमेरिका के विभिन्न शहरों और भौगोलिक स्थानों से अधिकांश भारतीय अमेरिकियों का प्रतिनिधित्व करने वाले इन संगठनों ने घृणा करने वाले समूहों से सावधान रहने और प्रशासन को उनकी रिपोर्ट करने के लिए अपील की है। संगठनों ने होमलैंड सुरक्षा विभाग और न्याय विभाग से चरमपंथी गतिविधियों पर नजर रखने, घृणित हमलों को रोकने और इन अपराधियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने का भी आग्रह किया है।
हालांकि ‘इंडियन डायस्पोरा अगेंस्ट हेट’ ने कहा कि भारतीय प्रवासी सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमले की निंदा करने वाले अमेरिकी विदेश विभाग के बयान का स्वागत करते हैं। इसके अलावा ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस के बयान का भी हम स्वागत करते हैं जिन्होंने हिंदू मंदिरों पर नफरत और हमलों का विरोध किया था।
IDAH से जुड़े हृदय रोग विशेषज्ञ और सामुदायिक नेता डॉ. जापरा ने बताया कि कई हिंदू समुदाय के नेताओं को धमकी दी गई है। हाल ही में उनके आवास पर हमला भी किया गया है। वहीं दक्षिणी कैलिफोर्निया से सामाजिक कार्यकर्ता मधु एच ने याद करते हुए कहा कि खालिस्तानी चरमपंथियों का हिंसा का एक लंबा और दुखद ट्रैक रिकॉर्ड है। साल 1985 में एयर इंडिया के एक जेट को मार गिराने के लिए भी खालिस्तानी चरमपंथी शामिल थे। उस हादसे में 300 से अधिक लोग मारे गए थे।
वहीं कैलिफोर्निया राज्य से एक हिंदू नेता वेणु एम डेविस ने शहर में गांधी की प्रतिमा के साथ अभद्रता के बारे में याद दिलाते हुए कहा कि भारतीय अमेरिकी इन हमलों के मद्देनजर भारतीय अमेरिकी संस्थानों की सुरक्षा की कमी के बारे में भी चिंतित हैं। आपको बता दें कि इंडियन डायस्पोरा अगेंस्ट हेट एक फोरम है जो भारतीय अमेरिकी संगठनों, संस्थानों और हिंदू मंदिरों का सहयोग करता है। यह फोरम भारतीय डायस्पोरा की सुरक्षा और कल्याण के बारे में चिंतन करता है और नागरिक और कानून प्रवर्तन निकायों के समक्ष अपनी राय रखता है।