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नेपाल की हवाई यात्रा में भूगोल ही नहीं मौसम भी बन सकता है जानलेवा, ये है वजह

भौगोलिक परिस्थितियों के कारण नेपाल में विमानन सेवाएं हमेशा से खतरे में रही हैं। हिमालयी होने के कारण इलाका पहाड़ी है जहां दृश्यता एक सबसे बड़ी चुनौती है। मौसमी परिस्थितियां भी तेजी से बदल जाती हैं। जिस पोखरा शहर में यह विमान क्रैश हुआ, वह लोकप्रिय पर्यटन स्थल है और हिमालय का प्रवेश द्वार भी।

नेपाल में पोखरा शहर के पास हुई विमान दुर्घटना और इसमें अब तक 68 लोगों की मौत ने एक बार फिर यहां पर हवाई यात्रा के खतरों और दुर्घटना के इतिहास की तरफ सबका ध्यान खींचा है। विशेषज्ञों का कहना है कि खराब मौसम, कम दृश्यता और पहाड़ी भूगोल नेपाल को उड्डयन के लिए लिहाज से खतरनाक बनाता है।

यति एयरलाइंस का एक विमान रविवार को क्रैश हो गया।

नेपाल में रविवार की सुबह यति एयरलाइंस का विमान काठमांडू से 205 किमी दूर पोखरा में उतरने से महज 10 सेकंड पहले क्रैश हो गया था। इसमें 68 यात्री और चार क्रू मेंबर सवार थे। यह 30 वर्षों में हिमालयी राष्ट्र में सबसे खराब हवाई आपदा है। एविएशन सेफ्टी नेटवर्क के आंकड़ों के मुताबिक यह नेपाल के इतिहास में तीसरी सबसे बड़ी विमान दुर्घटना है। अलबत्ता, हवाई यात्राओं और विमानन परिस्थितियों के लिहाज से नेपाल पहले से कुख्यात रहा है।

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