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'संविधान सदन' के नाम से जानी जाएगी भारत की पुरानी संसद

इस ऐतिहासिक दिन को यादगार बनाने के लिए पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल में एक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था जिसमें प्रधानमंत्री मोदी ने अपना भाषण दिया। मोदी अपने भाषण के खत्म होने के तुरंत बाद सभी सांसदों के साथ वह नई इमारत की ओर चल दिए।

भारत की राजनीति के इतिहास में 19 सितंबर 2023 का दिन विशेष हो गया है। भारत की पुरानी संसद से संसदीय कार्यवाही आज पूर्ण रूप से नई संसद में स्थानांतरित हो गई है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत आज सभी सांसद पुरानी संसद से पैदल चलकर नई संसद में पहुंचे और आज की कार्यवाही शुरू की गई।

मोदी अपने भाषण के खत्म होने के तुरंत बाद सभी सांसदों के साथ नई इमारत की ओर चल दिए। 

इस ऐतिहासिक दिन को यादगार बनाने के लिए पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल में एक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी ने अपना भाषण दिया। मोदी अपने भाषण के खत्म होने के तुरंत बाद सभी सांसदों के साथ वह नई इमारत की ओर चल दिए।

यहां नए संसद भवन के उद्घाटन के दिन सभी सांसदों को एक उपहार बैग मिला, जिसमें संविधान की एक प्रति, संसद से संबंधित किताबें, एक स्मारक सिक्का और एक टिकट था। नए संसद भवन में शिफ्ट होने से दोनों सदनों के संसद कर्मचारियों की वर्दी भी बदल गई। इनमें चैंबर अटेंडेंट, अधिकारी, सुरक्षाकर्मी, ड्राइवर और मार्शल शामिल हैं जो विशेष सत्र के दौरान नई वर्दी पहने नजर आए।

भारत की नई संसद में लोकसभा और राज्यसभा भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुराने संसद भवन का नाम संविधान सदन रखने का सुझाव दिया। मोदी ने कहा कि जिस भवन में पिछले 75 वर्षों से संसद सत्र आयोजित होते रहे हैं उसे केवल पुरानी इमारत कहकर इसकी गरिमा कम नहीं होनी चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इमारत को 'संविधान सदन' के रूप में संदर्भित करना उन नेताओं को श्रद्धांजलि होगी जिन्होंने संसद में इतिहास बनाया। उन्होंने कहा कि हमें भविष्य की पीढ़ियों को यह उपहार देने का अवसर नहीं छोड़ना चाहिए। नई संसद में प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में यह भी कहा कि यह भवन 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं को दर्शाता है। मोदी ने कहा कि नई इमारत एक नई शुरुआत का प्रतीक है और यह भारतीय लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं में नई ऊर्जा और विश्वास पैदा करेगी।

मोदी ने अपने भाषण में चंद्रयान-3 और भारत की अध्यक्षता में जी20 के असाधारण आयोजन का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि ये उपलब्धियां हर भारतीय के लिए गर्व का स्रोत हैं। उन्होंने कहा कि नया संसद भवन आधुनिक भारत और प्राचीन लोकतंत्र का प्रतीक है।

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