दुनिया में भगवान शिव का सबसे ऊंचा तुंगनाथ मंदिर एक तरफ झुक रहा है। यह मंदिर भारत के उत्तराखंड में रुद्रप्रयाग जिले में करीब 12,800 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह पंच केदार में शामिल है। हाल ही में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) विभाग की रिपोर्ट से इसमें झुकाव आने का खुलासा हुआ है।
एएसआई की जांच से पता चला है कि मंदिर में करीब 5 से 6 डिग्री तक झुकाव आया है। मंदिर के अंदर बनी मूर्तियों और सभामंडप में 10 डिग्री तक झुकाव आ गया है। एएसआई ने इस बारे में भारत सरकार को अवगत कराते हुए मंदिर को संरक्षित स्मारक घोषित करने का आग्रह किया है। खबरों के अनुसार सरकार ने इस रिपोर्ट पर आगे कार्यवाही शुरू कर दी है। अभी तुंगनाथ मंदिर भी केदारनाथ धाम की तरह बदरी केदार मंदिर समिति के अधीन है।
मंदिर के मठाधिपति राम प्रसाद मैठाणी का कहना है कि वर्ष 1991 में आए भूकंप और समय-समय पर प्राकृतिक आपदाओं से मंदिर पर काफी असर पड़ा है। मंदिर की बाहरी दीवारों से कई जगह पत्थर छिटक गए हैं। सभामंडप की स्थिति भी खराब है। गर्भगृह का एक हिस्सा झुक गया है।
एएसआई के अधिकारियों ने तुंगनाथ मंदिर के नीचे की जमीन खिसकने और धंसने की भी आशंका जताई है। अगर ऐसा हुआ तो मंदिर का अलाइनमेंट गड़बड़ा सकता है। फिलहाल मंदिर में झुकाव की वजह का पता लगाया जा रहा है। अगर जरूरत पड़ी तो नींव के क्षतिग्रस्त पत्थरों को भी बदला जाएगा। फिलहाल झुकाव को मापने के लिए ग्लास स्केल लगा दिया गया है।
देहरादून सर्किल के सुपरिटेंडेंट आर्कियोलॉजिस्ट मनोज सक्सेना ने कहा है कि मंदिर के झुकाव से आगे चलकर दिक्कतें हो सकती हैं। ऐसे में पहले मंदिर में झुकाव और नुकसान की मूल वजह पता लगाई जाएगी। उसके बाद ट्रीटमेंट शुरू किया जाएगा।
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