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US में अध्ययन से पता चला, IIT के छात्रों का लोहा क्यों मान रही दुनिया

स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर इल्या स्ट्रेबुलेव ने एक अध्ययन किया है। इससे पता चला है कि भारत के आईआईटी के कई पूर्व छात्र अमेरिका में शीर्ष गैर-अमेरिकी यूनिकॉर्न संस्थापकों में से हैं। यूनिकॉर्न एक स्टार्ट-अप है जिसका मूल्य एक अरब डॉलर या उससे अधिक है।

संयुक्त राज्य अमेरिका में यूनिकॉर्न के नौ संस्थापक अकेले आईआईटी-कानपुर के पूर्व छात्र हैं। (फोटो : @IITKanpur)

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) के छात्रों की प्रतिभा का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है। अगर बात यूनिकॉर्न की करें तो भारत कई विकसित देशों से आगे निकल चुका है। एक अध्ययन से पता चला है कि भारत के आईआईटी के कई पूर्व छात्र अमेरिका में शीर्ष गैर-अमेरिकी यूनिकॉर्न संस्थापकों में से हैं।

अध्ययन में पाया गया है कि आईआईटी से यूनिकॉर्न के संस्थापकों की संख्या ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और इनसीड सहित दुनिया के किसी भी अन्य प्रमुख बिजनेस स्कूल की तुलना में काफी है। यह अध्ययन अमेरिका स्थित स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस के प्रोफेसर इल्या स्ट्रेबुलेव ने किया है।

बता दें कि यूनिकॉर्न एक स्टार्ट-अप है, जिसका मूल्य एक अरब डॉलर या उससे अधिक है। स्टैनफोर्ड में वेंचर कैपिटल इनिशिएटिव के संस्थापक प्रोफेसर स्ट्रेबुलेव के अनुसार संयुक्त राज्य अमेरिका में यूनिकॉर्न के नौ संस्थापक अकेले आईआईटी-कानपुर के पूर्व छात्र हैं।

'यूएस इनोवेशन में गैर-अमेरिकी विश्वविद्यालयों का योगदान' शीर्षक वाले अध्ययन से पता चला है कि हिब्रू यूनिवर्सिटी ऑफ जेरूसलम, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो और मैकगिल यूनिवर्सिटी की तरह सिर्फ आईआईटी-दिल्ली ने आठ यूनिकॉर्न संस्थापक दिए हैं। तेल अवीव विश्वविद्यालय भी यूनिकॉर्न संस्थापकों को तैयार करने में अग्रणी है, जिसमें 16 यूनिकॉर्न संस्थापकों ने वहां अध्ययन किया है। वाटरलू विश्वविद्यालय और टेक्नियन इजराइल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में से प्रत्येक में 11 यूनिकॉर्न संस्थापक हैं।

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