ईरान में 403 दिनों तक कैद में रहने और प्रताड़ना झेलने वाले पांच भारतीय नाविक आखिरकार शुक्रवार को स्वदेश लौट आए। भारत में कदम रखते ही इन्होंने धरती को चूमा, एकदूसरे को गले लगाया और आंखों में आंसुओं के साथ अपने परिजनों से मिले। ये दरअसल मर्चेंट नेवी में शामिल होने गए थे लेकिन ईरान में भटक गए और ड्रग तस्करी के जाल में फंस गए। बाद में अदालत ने इन्हें रिहा कर दिया, लेकिन अधिकारियों ने इनके पासपोर्ट नहीं लौटाए। इसकी वजह से ये शहर-शहर मदद के लिए मारे-मारे फिरते रहे। अब भारत सरकार के दखल पर इनकी घर वापसी हुई है।
इन नाविकों में मुंबई के अनिकेत एस. येनपुरे और मंदार एम. वर्लीकर, पटना के प्रणव तिवारी. नई दिल्ली के नवीन सिंह और चेन्नई के थामिझ आर सेलवन शामिल हैं। ये जून 2019 में भारत से मर्चेंट नेवी शिप पर नाविक के रूप में गए थे। लेकिन फरवरी 2020 में इन्हें ओमान के पास गिरफ्तार कर लिया गया। इन पर ईरान में नशीले पदार्थ की तस्करी का आरोप लगाया गया।
55 हफ्ते तक जेल में रहने के बाद 8 मार्च 2021 को अदालत ने इन्हें निर्दोष मानते हुए रिहा करने का आदेश दिया। लेकिन इन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया। उसके बाद उच्च अदालत ने भी इनकी रिहाई का आदेश दिया। इन्हें रिहा तो कर दिया गया, लेकिन इनके पासपोर्ट और ट्रैवल दस्तावेज अधिकारियों ने नहीं दिए। इसकी वजह से ये ईरान से नहीं निकल पाए और ईरान में निचली अदालतों से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में कानूनी लड़ाई लड़ते रहे।
ईरान में फंसे इन नाविकों ने वीडियो जारी करके भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद मांगी थी। इससे पहले इंडियन वर्ल्ड फोरम के अध्यक्ष पुनीत सिंह चंडोक ने भी पीएम मोदी को इन नाविकों की दुर्दशा के बारे में जानकारी दी थी। उसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने सरकार से इन नाविकों की मदद करने को कहा। उसके बाद भारतीय विदेश मंत्रालय के दखल पर इनकी घर वापसी हो सकी।