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भारत की जेलों का हाल-बेहाल, कैदियों के ये आंकड़ें परेशान करने वाले हैं!

राष्ट्रमंडल मानवाधिकार पहल (CHRI) की विचाराधीन कैदियों पर जून 2022 में जारी रिपोर्ट के अनुसार 54 राष्ट्रमंडल देशों की लिस्ट में भारत दूसरे स्थान पर है। भारत से ऊपर इस सूची में सिर्फ बांग्लादेश है। आंकड़ों के अनुसार कोरोना के लॉकडाउन के चलते विचाराधीन कैदियों की संख्या 12 फीसदी बढ़ी है।

भारत की जेलों में बंद कुल कैदियों में से तीन-चौथाई ऐसे हैं, जिनके अपराधों का मुकदमा तक शुरू भी नहीं हुआ है। कानूनी भाषा में इन्हें विचाराधीन कैदी कहा जाता है। आंकड़ों में बताएं तो ऐसे कैदियों की संख्या 371,848 है। दुनिया में जहां विचाराधीन कैदियों की संख्या का औसत 34 प्रतिशत है, वहीं भारत में ये 76 प्रतिशत है।

वैश्विक सूची में भारत से पहले लिक्टेंस्टीन (91.7 फीसदी), सैन मैरिनो (88.9 फीसदी), हैती (81.9 फीसदी), गैबॉन (80.2 फीसदी) और बांग्लादेश (80 फीसदी) हैं। 

राष्ट्रमंडल मानवाधिकार पहल (CHRI) की विचाराधीन कैदियों पर जून 2022 में जारी रिपोर्ट के अनुसार  54 राष्ट्रमंडल देशों की लिस्ट में भारत दूसरे स्थान पर है। भारत से ऊपर इस सूची में सिर्फ बांग्लादेश है। पूरी दुनिया की बात करें तो भारत छठवें नंबर पर है। वैश्विक सूची में भारत से पहले लिक्टेंस्टीन (91.7 फीसदी), सैन मैरिनो (88.9 फीसदी), हैती (81.9 फीसदी), गैबॉन (80.2 फीसदी) और बांग्लादेश (80 फीसदी) हैं।

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