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H-1B वीजा पर कोर्ट का बड़ा फैसला, हजारों भारतीयों को मिली राहत

अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट जज तान्या चुटकन ने अपने फैसले में कहा है कि अमेरिका में काम करने वाले पेशेवरों के जीवनसाथी (पति या पत्नी) भी अमेरिका में नौकरी कर सकते हैं। इस अदालती फैसले से ऐसे पेशेवरों को बड़ी राहत मिली है, जिनकी नौकरियां छंटनी के दौर में जा चुकी है।

अमेरिका में हजारों भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स को मिलेगी राहत। Image credit: Global Residence Index

अमेरिका में H-1B  वीजा धारी आईटी इंजीनियर और अन्य प्रोफेशनल्स को अमेरिकी अदालत ने बड़ी राहत दी है। अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट जज तान्या चुटकन ने अपने फैसले में कहा है कि अमेरिका में काम करने वाले पेशेवरों के जीवनसाथी (पति या पत्नी) भी अमेरिका में नौकरी कर सकते हैं। इस अदालती फैसले से ऐसे पेशेवरों को बड़ी राहत मिली है, जिनकी नौकरियां छंटनी के दौर में जा चुकी है और उनके लिए अमेरिका में बने रहना एक चुनौती बन गई है।

चित्र सांकेतिक Photo by Austin Distel / Unsplash

अमेरिका में हजारों भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स ऐसे हैं, जो गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और अमेजॉन जैसी कंपनियों में छंटनी के बाद नौकरी खो चुके हैं। अब वे अपने वीजा की समाप्ति के बाद अपने वर्क वीजा के तहत निर्धारित समय सीमा के भीतर नया रोजगार खोजने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। ऐसे में यह फैसला उनके लिए बहुत ही सुकून भरा है।

H-1B वीजा एक गैर-आप्रवासी वीजा है। खासकर यह वीजा अमेरिकी कंपनियों में काम करने वाले विदेशी कर्मचारियों को दिया जाता है। इस वीजा के जरिए अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनियां हर साल हजारों की संख्या में भारत और चीन से लोगों को नौकरी पर रखती हैं।

अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट जज तान्या चुटकन ने सेव जॉब्स यूएसए की तरफ से दायर मुकदमे को खारिज करते हुए यह फैसला दिया। उस मुकदमे में एच-1बी वीजा धारकों की कुछ श्रेणियों के भागीदारों को रोजगार प्राधिकरण कार्ड देने वाले ओबामा-युग के नियम को खारिज करने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया गया था।

सेव जॉब्स यूएसए में आईटी कर्मचारियों का एक संगठन है। संगठन से कर्मचारियों का दावा है कि एच-1बी वीजा देने वाली अमेजन, एप्पल, गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी टेक कंपनियों में उनकी नौकरियां चली गई हैं। उन कंपनियों ने मुकदमे का विरोध किया था। अमेरिका ने एच-1बी वीजा के आधार कर्मचारियों के लगभग एक लाख जीवन साथियों के लिए वहां काम करने का अधिकार दिया है।

न्यायाधीश ने लिखा कि कांग्रेस ने जानबूझकर अमेरिकी सरकार को अधिकार दिया है कि वह संयुक्त राज्य अमेरिका में H-4 पति या पत्नी के ठहरने की अनुमेय शर्त के रूप में रोजगार को अधिकृत करे। उन्होंने कहा कि तथ्य यह है कि संघीय सरकार के पास समान वीजा वर्गों के लिए रोजगार को अधिकृत करने की जिम्मेदारी है। कांग्रेस ने उस अधिकार का प्रयोग करने की मंजूरी दी है।

जज ने फैसले में लिखा कि होमलैंड सिक्योरिटी विभाग और उसके पूर्ववर्तियों ने न केवल छात्रों के लिए, बल्कि उनके सहयोगियों और आश्रितों को भी काम करने का अधिकार दिया है। समुदाय के प्रमुख नेता और अप्रवासी अधिकारों के पैरोकार अजय भूटोरिया ने H-1B भागीदारों को काम करने और उनके परिवारों का समर्थन करने की अनुमति देने के अदालत के फैसले की सराहना की है।

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