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विशेष लेख: समरकंद शिखर सम्मेलन और उससे आगे की राह क्या होगी

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में जब शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के नेताओं के शिखर सम्मेलन में शामिल होने उज्बेकिस्तान गए थे तो उनके दिमाग में यह बात नहीं रही होगी कि पश्चिमी मीडिया उनकी मुलाकातों और द्विपक्षीय बैठकों के बारे में क्या कहेगा।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में जब शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के नेताओं के शिखर सम्मेलन में शामिल होने उज्बेकिस्तान गए थे तो उनके दिमाग में यह बात नहीं रही होगी कि पश्चिमी मीडिया उनकी मुलाकातों और द्विपक्षीय बैठकों के बारे में क्या कहेगा। निश्चित रूप से सबकी दिलचस्पी पीएम मोदी की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बैठक में ज्यादा थी, खासकर यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में, जिसे अब सात महीने हो चुके हैं।

भारतीय प्रधानमंत्री ने यूक्रेन युद्ध को लेकर काफी धारदार तरीके से अपने विचार सामने रखे।

भारतीय प्रधानमंत्री ने यूक्रेन युद्ध को लेकर काफी धारदार तरीके से अपने विचार सामने रखे। उन्होंने कहा, "...आज का युग युद्ध का युग नहीं है और मैं इस बारे में आपसे फोन पर भी बात कर चुका हूं।" मोदी ने अन्य बातों के अलावा पुतिन से जोर देकर कहा कि खाद्य, उर्वरक और ईंधन की सुरक्षा इस वक्त दुनिया का सबसे अहम चिंताएं हैं। पीएम मोदी की इस बात पर पुतिन ने कथित तौर पर जवाब में कहा, "मैं यूक्रेन में संघर्ष को लेकर आपकी स्थिति जानता हूं और उन चिंताओं के बारे में भी, जो आप समय-समय पर व्यक्त करते रहते हैं। हम हरसंभव कोशिश करेंगे कि ये जल्द से जल्द खत्म हों।”

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