अमेरिका का एक बड़ा बैंक सिलिकॉन वैली (Silicon Valley Bank) दिवालिया हो गया है। अमेरिकी इतिहास में डूबने वाला ये दूसरा सबसे बड़ा बैंक है। इसी के साथ अमेरिका एक बार फिर बैंकिंग संकट के मुहाने पर आ गया है। यह बैंक टेक कंपनियों और स्टार्टअप्स में काफी लोकप्रिय था। इनमें भारतीय कंपनियां बड़ी तादाद में हैं। ऐसे में बैंक के डूबने की गाज भी इन्हीं पर ज्यादा गिरेगी, ऐसी आशंका है।
NEW: Massive line forms outside Silicon Valley Bank in California as customers panic.
— Collin Rugg (@CollinRugg) March 10, 2023
Welcome to Biden’s America. It will only get worse.pic.twitter.com/MNCQuKIc9h
सिलिकॉन वैली बैंक अमेरिका का 16वां सबसे बड़ा बैंक है, जिसके पास 210 अरब डॉलर से अधिक के एसेट थे। यह बैंक टेक कंपनियों और नए वेंचर्स को वित्तीय सहायता देता है। बैंक का करीब 44 फीसदी कारोबार टेक और हेल्थकेयर कंपनियों के साथ है। जो कंपनियां इस बैंक के जरिए अपना वित्तीय लेनदेन करती हैं, उन पर विशेष संकट छा गया है। रोजमर्रा के खर्चे चलाने और कर्मचारियों की सैलरी तक खतरे में है।
The real victims of the SVB fallout are the depositors:
— Garry Tan 陈嘉兴 (@garrytan) March 10, 2023
startups (10 to 100 employees) who cannot make payroll, and will have to shut down or furlough *next week*
If these startups wait weeks/months for their deposits, we have destroyed a generation of US startups, *at random* https://t.co/mLRQzag1VI
अमेरिकी रेग्युलेटर के आदेश पर एसवीबी बैंक को बंद करके फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (FDIC) को रिसीवर नियुक्त कर दिया गया है। इस बैंक के बंद होने से दुनिया भर के वित्तीय बाजारों में उथल-पुथल का माहौल है। वैश्विक मंदी का खतरा गहरा गया है।
सिलिकॉन वैली बैंक के सबसे बड़े ग्राहक टेक्नोलोजी कंपनियां हैं। इनमें भारतीय स्टार्टअप्स की संख्या बहुत ज्यादा है, खासकर सॉफ्टवेयर कंपनियां। स्टार्टअप रिसर्च एडवाइजरी कंपनी ट्रैक्सन के मुताबिक, एसवीबी ने पेटीएम, इनमोबी, कारवाले, ब्लूस्टोन, शादी, सर्वा, इसर्टिस सहित कई भारतीय फर्मों में निवेश किया है। इनके अलावा वाईसी, एक्सेल, सिकोइया इंडिया, लाइटस्पीड, सॉफ्टबैंक और बेसेमर वेंचर पार्टनर्स समर्थित दर्जनों नए भारतीय स्टार्टअप भी इसी बैंक पर निर्भर बताए जा रहे हैं।
एफडीआईसी ने बताया है कि बैंक के ग्राहक सोमवार (13 मार्च) तक अपनी बीमाकृत जमा राशि में से 250,000 डॉलर ही निकाल सकेंगे। हालांकि ये भी बताया है कि साल 2022 के अंत तक एसवीबी बैंक की 175 अरब डॉलर की जमा राशि का 89% बिना बीमा के था। मतलब ये कि इस रकम का कोई ठिकाना नहीं है।