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लंदन में बहू की ऑनर किलिंग पर सिख महिला 16 साल बाद जेल से रिहा

पश्चिमी लंदन के हाएस की रहने वाली बचन कौर के बेटे सुखदेव के साथ सुरजीत की शादी हुई थी। बाद में सुरजीत ने तलाक देने का फैसला कर लिया। बचन कौर को लगा कि इससे परिवार की बदनामी होगी, इसलिए उन्होंने बेटे के साथ मिलकर बहू सुरजीत की हत्या कर दी।

Photo by Tingey Injury Law Firm / Unsplash

लंदन में 86 साल की ब्रिटिश सिख बुजुर्ग महिला को करीब 16 साल जेल में बिताने के बाद रिहा कर दिया गया है। बचन कौर अठवाल को 25 साल पहले अपनी बहू सुरजीत कौर (27) की ऑनर किलिंग के मामले में जेल हुई थी। बचन कौर पर आरोप था कि उन्होंने परिवार की बदनामी के शक में सुरजीत को भारत बुलाकर हत्या करवा दी थी। बचन कौर को 20 साल की सजा सुनाई गई थी लेकिन उनकी खराब सेहत को देखते हुए चार साल पहले ही रिहा करने का फैसला किया गया है।

लंदन के ओल्ड बेली कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान सामने रखे गए तथ्यों के अनुसार पश्चिमी लंदन के हाएस की रहने वाली बचन कौर के बेटे सुखदेव के साथ सुरजीत की शादी हुई थी। शादी के समय सुरजीत की उम्र 16 साल बताई गई थी। बाद में पता चला कि सुरजीत का किसी के साथ कथित तौर पर अफेयर था और वह सुखदेव को तलाक देना चाहती थी। बचन कौर को लगा कि इससे उसके परिवार की इज्जत मिट्टी में मिल जाएगी। उन्होंने कहा था कि ये तलाक मेरी लाश के ऊपर होगा।

अदालत में लगाए गए आरोपों के अनुसार उस समय कस्टम ऑफिसर सुरजीत को 1998 में एक शादी समारोह के बहाने भारत के पंजाब ले जाया गया और वहां गला दबाकर हत्या कर दी गई। इस मामले में बचन कौर के अलावा उसके बेटे सुखदेव को भी दोषी माना गया। 2007 में बचन कौर को हत्या की साजिश रचने के आरोप में 20 साल की कैद हुई और सुखदेव को 27 साल सजा की सजा सुनाई गई।

जेल में लंबा समय बिताने की वजह से बचन कौर को भूलने की बीमारी हो गई। ब्रिटिश न्याय मंत्रालय बचन कौर की सजा कम करने के खिलाफ था। लेकिन पैरोल बोर्ड ने सिफारिश की कि बचन कौर का स्वास्थ्य काफी खराब है इसलिए उन्हें निर्धारित सजा से चार साल पहले रिहा कर दिया जाना चाहिए। पैरोल बोर्ड ने न्याय मंत्रालय की ओर से बताई गई इस घटना पर भी गौर किया कि पिछले साल मई में जब बचन कौर की बेटी उनसे मिले जेल गई थीं तब उन्होंने उसे थप्पड़ मार दिया था। इसके अलावा एक जेलकर्मी पर भी हमला किया था।

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