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ब्रिटेन में सिख सैन्यकर्मियों को 100 साल बाद 'नितनेम गुटका' मिला, जानें इसका महत्व

नितनेम गुटका की विल्टशायर में छपाई हुई और उसके बाद सिख धर्मग्रंथों की परंपरा के अनुसार सिंहासन पर रखा गया। इसके बाद प्रार्थना पुस्तकों को लंदन के गुरुद्वारे लाया गया जहां से 28 अक्तूबर को सैनिकों में वितरण किया गया।

Photo by Roberto Catarinicchia / Unsplash

ब्रिटेन में सिख सैन्यकर्मियों को दैनिक प्रार्थना पुस्तक जारी की गई है। पिछले 100 वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ है। सिखों की दैनिक प्रार्थना पुस्तक को नितनेम गुटका कहा जाता है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार सैनिकों के कष्टसाध्य जीवन को देखते हुए प्रार्थना पुस्तकों को टिकाऊ और जलरोधी सामग्री में तीन भाषाओं में और अलग-अलग रंगों में छापा गया है।

ब्रिटेन में सैन्यकर्मियों को 100 साल पहले नितनेम गुटका जारी किए गए थे, तब दूसरी धार्मिक पुस्तकें भी दी गई थी।

ब्रिटिश सेना में मेजर दलजिंदर सिंह विर्दी दो साल से इस पुस्तक की वापसी को लेकर सक्रिय थे। विर्दी कहते हैं कि ब्रिटिश सेना कई वर्षों से ईसाइयों को उनकी प्रार्थना पुस्तक मुहैया करा रही है। ऐसे में मैंने देखा कि सिखों के लिए भी प्रार्थना पुस्तक उपलब्ध कराने का अवसर है। नितनेम गुटका विल्टशायर में छापा गया और सिख धर्मग्रंथों की परंपरा के अनुसार सिंहासन पर रखा गया। इसके बाद प्रार्थना पुस्तकों को लंदन के गुरुद्वारे लाया गया जहां से 28 अक्तूबर को सैनिकों में वितरण किया गया।

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