मिशिगन का प्रतिनिधित्व करने वाले भारतीय अमेरिकी कांग्रेसमेन श्री थानेदार (डी-एमआई) से अमेरिका स्थित एक सिख संगठन ने उनके बनाए कॉकस से सिख को हटाने की मांग की है। संगठन ने कहा है कि कैपिटल हिल में सिखों का सटीक और वास्तविक प्रतिनिधित्व होना चाहिए।
सिख कॉयलेशन नाम के इस संगठन ने कहा कि श्री थानेदार द्वारा हिंदू, बौद्ध, सिख और जैन कांग्रेसनल काॅकस एक भ्रामक कॉकस है। सिख कॉयलेशन यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास करना जारी रखेगा कि सिखों को कैपिटल हिल में सटीक और वास्तविक प्रतिनिधित्व हो जरूरी है।
बता दें कि इसके लिए संगठन ने एक मुहिम भी शुरू की है। संगठन ने मिशिगन में रहने वाले सिख समुदाय से मांग की है कि अगर वह मिशिगन संगत के सदस्य हैं तो वह उनकी इस मुहिम में साथ दें और श्री थानेदार तक इस मांग को पहुंचाने के लिए संगठन द्वारा बनाए गए फार्म को भरें।
Following the surprise announcement of a misleading “Hindu, Buddhist, Sikh and Jain Congressional Caucus'' by @RepShriThanedar (D-MI), we need Michiganders to take 2 minutes & demand that Congressman Thanedar remove the word ‘Sikh’ from the caucus’ name: https://t.co/hkwn0EwGLE pic.twitter.com/P3obnGxtlp
— Sikh Coalition (@sikh_coalition) November 15, 2023
फार्म में नाम, मेल आईडी, घर का पता आदि जानकारी के साथ एक पत्र है जो श्री थानेदार के लिए लिखा गया है। पत्र में लिखा है कि एक सिख और मिशिगन के निवासी के रूप में हम 'हिंदू, बौद्ध, सिख और जैन कांग्रेसनल कॉकस' के गठन में आपके कार्यों से हम चिंतित हैं। हम कॉकस के नाम से सिख शब्द को तत्काल हटाने का अनुरोध करते हैं।
पत्र में आगे यह भी लिखा है कि कॉकस को बनाते वक्त थानेदार ने समुदाय के किसी भी प्रतिनिधि के साथ परामर्श नहीं किया। प्रत्येक समुदाय को खुद को परिभाषित करने का अधिकार होना चाहिए और हम अपने को गलत तरीके से प्रस्तुत करने के प्रयासों को स्वीकार नहीं करते हैं।
इतना ही नहीं संगठन ने पत्र के माध्यम से यह भी कहा कि 'सिख' नाम हटाकर और सिख समुदाय के अन्य कांग्रेसी अधिवक्ताओं के साथ काम करके अंतर-धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए यह कॉकस बेहतर काम करेगा।
मालूम हो कि भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद श्री थानेदार ने हिंदू, बौद्ध, सिख और जैन ((HBSJ) अमेरिकियों के हितों की रक्षा के लिए एक नए कॉकस का गठन किया है। उन्होंने बताया था कि कॉकस का उद्देश्य धार्मिक भेदभाव का मुकाबला करने के साथ ही विभिन्न धर्मों के बीच सौहार्द कायम करना है।