भारत में शिक्षा प्राप्त करने वाले पूर्व विदेशी छात्र-छात्राओं से संपर्क साधने के प्रयास के तहत भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) ने एलुमिनाई पोर्टल की शुरुआत की है। दुनिया में ऐसी कई शख्सियतें हैं जिन्होंने उच्च शिक्षा भारत में प्राप्त की है। पोर्टल की शुरुआत का फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुझाव पर लिया गया है। इंडिया एनुमिनाई पोर्टल का उद्घाटन विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने किया, जबकि अलग-अलग देशों में मौजूद पूर्व विदेशी छात्रों ने वर्चुअली हिस्सा लिया।

पोर्टल शुरू करने की यूं मिली प्रेरणा
पिछले 40 सालों में आईसीसीआर की मदद से 30 हजार से अधिक विदेशी छात्र-छात्राओं ने भारत में शिक्षा ग्रहण की है। भारत को आज यह पोर्टल शुरू करने की जरूरत क्यों महसूस हुई? अपने एक बयान में आईसीसीआर ने कहा, 'हाल में बदलती वैश्विक परिस्थितियों में विशेषकर मध्य पूर्व और दक्षिण एशियाई देशों में यह देखने में आया कि भारत में अध्ययन करके गए विदेशी छात्रों ने भारत की गरिमा को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। ये विदेशी छात्र भारत में अध्ययन करने के बाद विश्व में भारतीय स्फॉट पॉवर के दूत के रूप में काम कर रहे हैं। इन्होंने हर समाज और राजनीतिक व्यवस्था में भारत की नीतियों को स्वीकृति दिलाने में मदद की है और इन सबको देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुझाव पर भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् ने पूर्व विदेशी छात्रों के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया है। '

...तो इस तरह छात्रों को जोड़ेगा यह पोर्टल
पोर्टल के जरिए पूर्व छात्रों को एक दूसरे के साथ और भारत के साथ फिर से जोड़ने की कोशिश होगी। भारत में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी पोर्टल पर दी जाएंगी। वे इस ऑनलाइन मंच के माध्यम से भारत में अध्यन के दौरान अपने अनुभवों को साझा करेंगे। इसके अलावा पोर्टल पर पूर्व छात्रों की जानकारी भी अपलोड की जाएगी। शुरुआती चरण में 16 हजार पूर्व छात्र-छात्राओं से संबंधित जानकारी पोर्टल पर अपलोड की जा रही है। वहीं, इस पोर्टल के उद्घाटन का दूसरा उद्देश्य विदेशी छात्रों को भारत में दी जा रही छात्रवृत्तियों की जानकारी देना भी है।
.@iccr_hq के 'एलुमनाई पोर्टल' उद्घाटन समारोह को सम्बोधित करते हुए मॉरिशस की वाईस प्रीमियर महामहिम लीला देवी दुखन जी ने कहा
— Dr. VINAY Sahasrabuddhe (@Vinay1011) April 9, 2022
"मैं आज जो कुछ भी हूँ वो केवल भारत में यूनिवर्सिटी स्तर की शिक्षा पाने की वजह से हूँ!"@narendramodi @DrSJaishankar @dpradhanbjp pic.twitter.com/VbQ5vZ2fUY
विदेशी विद्यार्थी इन देशों में बढ़ा रहे भारत की गरिमा
भारत से शिक्षा हासिल कर कई छात्र अपने वतन में उच्च पदों पर कार्यरत हैं, जैसे प्रोफेसर भोला थापा जो कि काठमांडू विश्वविद्यालय के उप-कुलपति हैं तो डॉ. टी मंगलेश्वर श्रीलंका के यूनिवर्सिटी ऑफ ववुनिया के उप-कुलपति हैं। मॉरीसस की वाइस प्रीमियर लीला देवी ने भी भारत में ही पढ़ाई की। उन्होंने पोर्टल के उद्घाटन को संबोधित करते हुए कहा, 'मैं आज जो कुछ भी हूं वह भारत के विश्वविद्यालय से मिली शिक्षा के कारण ही हूं।'
उधर, पोर्टल का उद्घाटन करते हुए विदेशी राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने पूर्व विदेशी छात्र-छात्राओं को संबोधित किया। उन्होंने इस अवसर पर कहा, 'आज आईसीसीआर में इंडिया एलुमिनाई पोर्टल का उद्घाटन कर खुशी हो रही है। यह सभी भारत में शिक्षा ग्रहण करने वाले विदेशी विद्वानों के लिए अनोखा मंच होगा जिसके जरिए वे पंजीयन और संवाद कर सकेंगे, भारत के साथ अपने संबंध को बरकरार रख सकेंगे और भारत से जुड़े रह पाएंगे।'
This is in line with Hon'ble PM Sh @narendramodi Ji’s vision to build an India alumni network to engage them & keep them connected & updated on a dynamic India so they can be the bridges of friendship. pic.twitter.com/AL6ycyxl3r
— Meenakashi Lekhi (@M_Lekhi) April 9, 2022
बताते चलें कि अभी भारत में 6000 से अधिक छात्र स्कॉलरशिप प्रोग्राम के जरिए उच्च शिक्षा हासिल कर रहे हैं। इनमें अफगानिस्तान, बंग्लादेश, बोसवाना, इथियोपिया, नेपाल और श्रीलंका के विद्यार्थी भी शामिल हैं। उम्मीद है कि पढ़ाई पूरी करने के बाद जब ये छात्र अपने वतन लौटेंगे तो अपने देश और भारत दोनों का नाम रोशन करेंगे।