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वहशीपन में बीमार युवती से दरिंदगी, कोर्ट ने 19 साल के लिए भेजा जेल

शमल शर्मा ने 27 साल की युवती की जिंदगी को तबाह कर दिया। युवती का बलात्कार करने के बाद उनकी गला दबाकर हत्या कर दी। इस वारदात से ठीक पहले शमल ने एक महिला को कार से कुचलने की कोशिश की थी। मामले में दोषी पाए गए शमल को 19 साल से अधिक समय तक जेल में रहना होगा।

शमल शर्मा ने एक युवती की बलात्कार के बाद हत्या कर दी। (फोटो : @WrldNewsInPics) 

न्यूजीलैंड के उच्च न्यायालय ने 33 साल के शमल शर्मा को 19 साल से अधिक की जेल की सजा सुनाई है। ऑकलैंड के रहने वाले बेघर शमल ने डाउन सिंड्रोम से पीड़ित 27 साल की लीना झांग हर्राप का यौन उत्पीड़न किया और बाद में उनकी गला दबाकर हत्या कर दी। इस वारदात से ठीक 24 घंटे पहले शर्मा ने कथित तौर पर एक महिला को अपनी कार से कुचलने की कोशिश भी की थी।

न्यूजीलैंड पुलिस का कहना है कि हर्राप का शव उनके घर से लगभग एक किलोमीटर दूर पैदल मार्ग पर पाया गया था। वारदात के दौरान हर्राप के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया। हर्राप के सिर पर 13 चोटों के निशान पाए गए। शर्मा को सितंबर 2021 में हर्राप की हत्या के दो दिन बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। न्यूजीलैंड पुलिस ने शर्मा की कपड़ों और जूतों पर पाए गए खून के धब्बों का परीक्षण किया और इसे हर्राप से जोड़ा। हर्राप के पिता ने अदालत को बताया कि उनकी बेटी हमेशा खुश रहती थी। वह एक सुंदर नर्तकी थी। वह एक बेहतर इंसान थीं। वह अपने जीवन में बहुत कुछ करना चाहती थी। लेकिन अब सब खत्म हो गया है।

न्यूजीलैंड पुलिस की जांच में यह भी पता चला है कि हर्राप की हत्या से 24 घंटे पहले शर्मा ने कथित तौर पर हिंसक तरीके से फुटपाथ पर अपनी सफेद हुंडई को पार किया और जॉगिंग कर रही 26 साल की एक महिला को कुचलने की कोशिश की। पीड़ित महिला ने अदालत को बताया कि वह अखबार में छपी एक खबर पढ़कर हैरान रह गई थीं। इसमें उस लाइसेंस प्लेट वाली कार की जानकारी मांगी गई थी, जिसने उनका पीछा किया और उन पर हमला किया था।

शर्मा के वकील जोनाथन हडसन ने कोर्ट को बताया कि उनके मुवक्किल आपातकालीन आवास से निकाले जाने के बाद अपनी कार में रह रहे थे। उन्होंने कहा कि शर्मा सिजोफ्रेनिया से भी पीड़ित हैं। सिजोफ्रेनिया एक ऐसी मानसिक बीमारी है जिसमें पीड़ित व्यक्ति में संदेह, जुनून या भ्रम की स्थिति बहुत ज्यादा होती है। यह एक तरह का पागलपन है। ऐसी स्थिति में वह वैसा ही करने लगता है, जो उसे सही लगता है। इस स्थिति से पीड़ित व्यक्ति का व्यवहार अजीब तरह से हो सकता है। इन दलीलों को सुनने के बाद जज एडविन वाइली ने आजीवन कारावास की अनिवार्य सजा की जगह 19 साल की सजा सुना दी।

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