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भारत की चार दिनी यात्रा पर अमेरिकी मंत्री, रिश्तों में मजबूती पर रहेगा जोर

अमेरिका की वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो अपने भारतीय समकक्ष पीयूष गोयल के निमंत्रण पर भारत पहुंची हैं। वह 10 मार्च को वाणिज्य वार्ता और सीईओ फोरम में हिस्सा लेंगी। यह वार्ता इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें दोनों देशों के बीच व्यावसायिक संबंधों को गहरा करने पर जोर दिया जाएगा।

अमेरिका की वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो (साभार सोशल मीडिया)

अमेरिका की वाणिज्य मंत्री जीना रायमोंडो भारत की चार दिवसीय यात्रा पर हैं। कार्यक्रम के अनुसार वह भारत और अमेरिका के बीच वाणिज्य संबंधी विभिन्न मुद्दों पर वार्ता करेंगी। वह अपने भारतीय समकक्ष पीयूष गोयल के निमंत्रण पर भारत पहुंची हैं। 7-10 मार्च के तक उनका भारत दौरा निर्धारित है।

साभार ट्विटर 

निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार वह 10 मार्च को वाणिज्य वार्ता और सीईओ फोरम में हिस्सा लेंगी। यह वार्ता इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें दोनों देशों के बीच व्यावसायिक संबंधों को गहरा करने पर जोर दिया जाएगा। अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सचिव रायमोंडो 11 मार्च को वाशिंगटन डीसी लौट आएंगी।

पिछले महीने नई दिल्ली में इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क के दौरान इस विशेष वार्ता की योजना तय गई थी। यह दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि इसमें दोनों देशों के बीच नए व्यापार और निवेश के अवसरों को को बढ़ावा देने का अवसर तलाशा जाएगा।

नवंबर 2022 में सचिव रायमोंडो और भारतीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के बीच एक बैठक के दौरान यूएस-इंडिया सीईओ फोरम का सॉफ्ट-लॉन्च किया गया था। तब उन्होंने आपूर्ति शृंखला के लचीलेपन को बढ़ाने, ऊर्जा सुरक्षा में विकास करने और समग्र ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने पर जोर दिया था। उस बैठक में समावेशी डिजिटल व्यापार को आगे बढ़ाने और कोविड महामारी के बाद विशेष रूप से छोटे व्यवसायों के लिए आर्थिक सुधार की सुविधा प्रदान करने पर चर्चा की गई थी।

यूएस सचिव रायमोंडो ने अपनी भारत यात्रा का जिक्र करते हुए कहा, ‘भारत और अमेरिका के लिए बेहतर संबंध स्थापित करने का यह उपयुक्त समय है। मैं होली उत्सव पर भारत जा रही हूं, यह मेरे लिए विशेष अवसर है। इसके लिए मैं उत्साहित हूं।’ साथ ही उन्होंने कहा कि सीईओ फोरम, वाणिज्य वार्ता और आईपीईएफ के जरिए हम एक-दूसरे के करीब आएंगे और नए बाजार का निर्माण करेंगे। साथ ही लोकतंत्र के प्रति अपनी साझा प्रतिबद्धता को हमें मजबूत बनाना है।

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