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US में खालिस्तानी हमले के विरोध में उमड़े भारतीय, तिरंगे से दिया जवाब

सैन फ्रांसिस्को में भारतीय कॉन्सुलेट के बाहर बड़ी संख्या में भारतीय-अमेरिकी जमा हुए। ढोल नगाड़ों की थाप पर झूमते हुए तिरंगे लहराए और वंदे मातरम व भारत माता के जयकारे लगाए। इस दौरान खालिस्तानी समर्थकों से मामूली कहासुनी भी हुई।

तिरंगा लहराकर खालिस्तानियों को जवाब देते भारतीय अमेरिकी (फोटो twitter @HinduAmerican) 

अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर खालिस्तान समर्थकों के हमले का भारतीय समुदाय के सदस्यों ने शुक्रवार को एकजुटता से जवाब दिया। बड़ी संख्या में भारतीय-अमेरिकी जमा हुए। ढोल नगाड़ों की थाप पर झूमते हुए तिरंगे लहराए और वंदे मातरम व भारत माता के जयकारे लगाए। इस दौरान खालिस्तानी समर्थकों से मामूली कहासुनी भी हुई। उधर, भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारतीय मिशन की सुरक्षा को लेकर यूके सरकार को आड़े हाथ लिया है।

खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने बीते रविवार को सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमला कर दिया था। उन्होंने पुलिस के लगाए अस्थायी सुरक्षा अवरोधकों को तोड़ दिया था और दूतावास परिसर के अंदर दो खालिस्तानी झंडे लगा दिए थे। हालांकि दूतावास कर्मियों ने जल्द ही इन झंडों को हटा दिया।

इसी के विरोध में एकजुटता दिखाने के लिए शुक्रवार को भारत के समर्थन में शांति रैली निकाली गई। इसमें बड़ी संख्या में भारतीय-अमेरिकी शामिल हुए और दूतावास के आसपास तिरंगे लहराए। इन लोगों में हिंदू, मुस्लिम, सिख आदि सभी समुदाय के लोग शामिल थे। इस दौरान यूएस कांग्रेस के उम्मीदवार रहे रितेश टंडन ने कहा कि राजनयिकों और दूतावास कर्मचारियों पर ऐसे हमले अस्वीकार्य हैं। हमें गर्व है कि इसका जवाब देने के लिए इतनी भारी संख्या में लोग जुटे हैं।

शांत रैली के दौरान कुछ अलगाववादी सिख भी वहां मौजूद थे। उन्होंने खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाए। भारत का समर्थन कर रहे भारतीय अमेरिकियों की संख्या उनसे कहीं अधिक थी। उन्होंने वंदे मातरम् के नारे लगाए और अमेरिका के साथ-साथ भारत का राष्ट्रध्वज लहराकर इसका जवाब दिया। मौके पर किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद थे।

उधर, ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग पर खालिस्तान समर्थकों के उत्पात पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूके सरकार को आड़े हाथ लिया है। एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि भारत दूतावास की सुरक्षा के अलग-अलग मानकों को स्वीकार नहीं करेगा। यह सुनिश्चित करना देश का दायित्व है कि दूतावास या उच्चायोग या वाणिज्य दूतावास और उनके परिसर का सम्मान किया जाए। इन दायित्वों को ब्रिटेन में पूरा नहीं किया गया।

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