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विदेश में बसे भारतीयों की 95% शिकायतें सरकार ने सुलझाईं, मंत्री का दावा

भारत के विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने आंकड़े देते हुए बताया कि प्रवासी भारतीयों, अनिवासी भारतीयों (NRIs) और भारत के प्रवासी नागरिकों (OCI) से बीते पांच साल में कुल 54,401 शिकायतें मिलीं जिनमें से 54,081 शिकायतों का समाधान कर दिया गया।

भारत के विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन

विदेश में बसे भारतीयों की शिकायतों और परेशानियों को सुलझाने पर भारत सरकार प्राथमिकता से ध्यान दे रही है। भारत के विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने बीते दिन राज्यसभा में एक आंकड़ा पेश करके बताया था कि प्रवासी भारतीयों की लगभग 95 प्रतिशत शिकायतों का समाधान सरकार कर चुकी है।

डायस्पोरा को शिकायतें दर्ज कराने के लिए मदद (MADAD) और ई-माइग्रेट जैसे पोर्टल भी मुहैया कराए गए हैं।

प्रश्नकाल के दौरान जब यह पूछा गया क्या सरकार को इस बात की जानकारी है कि भारतवंशियों को भारतीय पहचान के कारण अपने निवास के देशों में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है? इस पर विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा कि सरकार विदेश में बसे भारतीयों की सेफ्टी और सिक्योरिटी को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है।

मुरलीधरन ने आंकड़े देते हुए बताया कि प्रवासी भारतीयों, अनिवासी भारतीयों (NRIs) और भारत के प्रवासी नागरिकों (OCI) से बीते पांच सालों में कुल 54,401 शिकायतें प्राप्त हुईं जिनमें से 54,081 शिकायतों का समाधान कर दिया गया है।

मंत्री ने कहा कि विदेश में हमारे मिशन और पोस्ट सतर्क रहते हैं और प्रवासी भारतीयों से प्राप्त हर शिकायतों की बारीकी से पड़ताल करते हैं। कॉल, वॉक-इन, ई-मेल, सोशल मीडिया, 24x7 हेल्पलाइन और 'ओपन हाउस' जैसे विभिन्न माध्यम से भी शिकायतों का जवाब दिया जाता है। डायस्पोरा को शिकायतें दर्ज करने के लिए सरकार ने मदद (MADAD) और ई-माइग्रेट जैसे ऑनलाइन पोर्टल भी मुहैया कराए हैं।

मंत्री ने बताया कि इन पोर्टल पर साल 2018 से 2022 के बीच कुल 54,401 शिकायतें प्राप्त हुईं जिनमें से 54,081 शिकायतों का समाधान किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि विदेश में स्थित भारतीय मिशन और पोस्ट इन शिकायतों को प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई के लिए मेजबान सरकारों के सामने रखते हैं।

मुरलीधरन ने आगे कहा कि यदि मामला भारत में किसी राज्य सरकार से संबंधित है तो उसे समाधान के लिए उनके सामने रखा जाता है। जरूरत पड़ने पर परेशान भारतीयों को भारतीय समुदाय कल्याण निधि (ICWF) से वित्तीय और कानूनी सहायता भी मुहैया कराई जाती है। संबंधित देशों के साथ उचित स्तरीय बैठकों में भी ये मसले उठाए जाते हैं।

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