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पेट्रोल उत्पादों पर EU की आपत्ति, भारत ने कहा- पहले अपने नियम देखिए

बोरेल की जगह यूरोपीय संघ के कार्यकारी उपाध्यक्ष मार्ग्रेथ वेस्टेगर ने मोर्चा संभाला और मामले को रफा-दफा करने की मुद्रा में कहा कि इसमें संदेह नहीं है कि भारत पर प्रतिबंध का कोई वैधानिक आधार नहीं बनता।

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर Image : Twitter@DrSJaishankar

यूरोपीय संघ (EU) के विदेश नीति प्रमुख जोसेफ बोरेल ने भारत के परिष्कृत उत्पादों पर कार्रवाई की मांग की थी क्योंकि ये उत्पाद उस तेल से तैयार किये जा रहे हैं जिन्हे भारत ने रूस से खरीदा है। इस पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने EU को कड़ा जवाब देते हुए संघ को अपने नियम देखने की सलाह दी है।

विदेश मंत्री ने बोरेल को सलाह दी कि वह EU परिषद के नियमों को देखें। रूसी कच्चे तेल को तीसरे देश में काफी हद तक बदल दिया गया है और अब वह रूसी उत्पाद के रूप में नहीं देखा जाता। जयशंकर ने आग्रह किया कि आप परिषद के नियमन 833/2014 को देख सकते हैं।

बोरेल ने कहा था कि भारत रूसी तेल को रिफाइंड फ्यूल यानी पेट्रोल-डीजल में बदलकर यूरोप में बेच रहा है। इसलिए यूरोपीय संघ को भारत पर कार्रवाई करनी चाहिए। बोरेल का कहना था कि एक तरफ जहां पश्चिम मुल्क रूस के ऊर्जा क्षेत्र पर कार्रवाई तेज कर उसके ऊपर दबाव बना रहे हैं वहीं दूसरी ओर भारत रूसी तेल खरीद रहा है।

फाइनेंशियल टाइम्स के साथ एक इंटरव्यू में विदेश नीति प्रमुख जोसेफ बोरेल ने कहा था भारत रूस से तेल खरीदता है, यहां तक तो ठीक है मगर यूरोपीय संघ को रूसी तेल से भारत में बने उत्पादों को लेकर उस पर कार्रवाई करनी चाहिए। ब्रसेल्स में व्यापार प्रौद्योगिकी वार्ता में बोरेल ने भारत के विदेश मंत्री जयशंकर से मुलाकात की थी मगर उसके बाद होने वाली इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपस्थित नहीं थे जिसमें प्रतिबंध को लेकर भारतीय प्रतिनिधि से जवाब मांगा गया था।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोरेल की जगह यूरोपीय संघ के कार्यकारी उपाध्यक्ष मार्ग्रेथ वेस्टेगर ने मोर्चा संभाला और मामले को रफा-दफा करने की मुद्रा में कहा कि इसमें संदेह नहीं है कि भारत पर प्रतिबंध का कोई वैधानिक आधार नहीं बनता। भारत और यूरोप दोस्त हैं और उन्हें एक दूसरे से रिश्ते सामान्य रखने चाहिए, न कि उंगलियां उठानी चाहिए।

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