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US में जयशंकर के साथ कनाडा की विदेश मंत्री की 'गुप्त मीटिंग' की चर्चा!

भारत के विदेश मंत्रालय ने बैठक के बारे में टिप्पणी करने से इनकार किया है। वहीं, पर्दे के पीछे की बातचीत का संकेत देते हुए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि हम तनाव बढ़ाना नहीं चाहते हैं। कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने संकेत दिया कि दोनों पक्षों के बीच संपर्क है।

सूत्रों के हवाले से मेलानी जोली और जयशंकर के अमेरिका में मिलने की खबर है। फाइल फोटो : @AIBSNews24

एक आतंकी की मौत को लेकर कनाडा और भारत के बीच चल रहे विवाद के बीच सूत्रों के हवाले से एक खबर सामने आई है। खबर ये है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर राजनयिक विवाद को सुलझाने के लिए पिछले महीने वाशिंगटन में अपनी कनाडाई समकक्ष मेलानी जोली के साथ एक 'गुप्त बैठक' की थी।

जयशंकर 27 से 30 सितंबर तक वाशिंगटन डीसी में थे। भारतीय विदेश मंत्रालय ने केवल अमेरिकी नेताओं और थिंक टैंक के साथ उनकी बैठकों का विवरण दिया था। ऐसे में भारत के विदेश मंत्रालय ने बैठक के बारे में टिप्पणी करने से इनकार किया है। वहीं, पर्दे के पीछे की बातचीत का संकेत देते हुए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि हम तनाव बढ़ाना नहीं चाहते हैं। हम चुपचाप वह काम करने जा रहे हैं जो इस कठिन समय में भारत के साथ रचनात्मक संबंध जारी रखने के लिए मायने रखता है।

वहीं, कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने बुधवार को ओटावा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान संकेत दिया कि निज्जर की हत्या को लेकर दोनों पक्षों के बीच संपर्क है। उन्होंने कहा कि कूटनीति हमेशा तब बेहतर होती है जब बातचीत निजी रहती है। जब भारत की बात आएगी तो मैं यही रुख अपनाना जारी रखूंगी।

वहीं, एक अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कनाडा ने अभी तक देश में अपनी राजनयिक ताकत को आधे से कम करने के भारत के फरमान का पालन नहीं किया है। कनाडा नहीं चाहता कि भारत ने जो डिप्‍लोमैटिक बराबरी का प्रस्ताव रखा है, उसपर अमल हो। दोनों देशों के बीच बातचीत का दौर जारी है। कनाडाई मीडिया में रिपोर्ट्स छपीं कि उनके कई डिप्‍लोमैट्स भारत की ओर से मिली डेडलाइन खत्म होने के बावजूद जमे रहे। सूत्रों ने कहा, कनाडा के कुछ राजनयिक जो देश से बाहर थे, वे वापस आ गए हैं।

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