टेक्सस के डलास में रहने वाले एक अप्रवासी भारतीय माता-पिता के बेटे रयान अग्रवाल ने नेशनल कॉलेजिएट एथलेटिक एसोसिएशन (एनसीएए) और उसके बाद की प्रतिस्पर्धाओं में भारत के प्रतिनिधित्व की उम्मीद जताई है। वह बॉलिवॉल में कार्डिनल शूटिंग गार्ड हैं।
स्टैनफोर्ड फ्रेशमैन रयान अग्रवाल को बास्केटबॉल के लिए ऐसा जुनून चढ़ा कि उन्होंने छठे ग्रेडर बनने का ठान लिया। शूटिंग ग्रेट बास्केट बॉल के फिल्ड में एक पॉजिशन होता है। उसी साल डलास मावेरिक्स ने 7 फुट 2 ईंच के भारतीय मूल के खिलाड़ी सतनाम सिंह को एनबीए के लिए चयनित किया।
उसी समय अग्रवाल ने ठान लिया कि उन्हें बास्केट बॉल में नाम कमाना है। दो साल बाद अपने वह अपने चचेरे भाई और पिता के साथ एनबीए-जी लीग देखने गए। सतनाम सिंह को खेलते देख रेयान अग्रवाल खुद सिंह की तरह बास्केट बॉल खिलाड़ी बनाना तय किया।
रयान अग्रवाल के माता-पिता भारत भारत को छोड़कर टेक्सस, अमेरिका पहुंच गए। डलास उपनगर में रेयान का जन्म हुआ था। उन्होंने कभी किसी को बास्केटबॉल खेलते हुए नहीं देखा था और इसलिए कभी भी खेल को गंभीरता से लेने पर विचार नहीं किया। उन्होंने कहा कि सिंह को देख कर उन्हें विश्वास हो गया कि वह उच्च स्तर पर खेल सकते हैं।
रयान के पिता अशोक अग्रवाल ने कहा कि सिंह को खेलते देखकर उसे प्रेरणा मिली और उसके उत्साह ने उसकी खेल भावना को जगाया।
छह साल बाद, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के फ्रेशमैन के रूप में रेयान अग्रवाल अब भी सिंह का अनुशरण कर रहे हैं। अग्रवाल ने एक अमेरिकी मीडिया को बताया कि मैं जो करना चाह रहा हूं, वह क्षमता बहुत ही कम लोगों के पास है। लिहाजा मैं अपनी क्षमता का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहा हूं।
जब अग्रवाल को यह घोषणा करने का समय आया कि वह कॉलेज में कहां खेलेंगे, तो उन्होंने न केवल कोचों और रिश्तेदारों के साथ, बल्कि भारत के साथ सुर्खियों में रहना पसंद करने की बात कही। उनकी मां रंजनी अग्रवाल ने कहा कि उनके बेटे ने जो प्रतिबद्धता वीडियो में व्यक्त की है, वे उनके विचार हैं। रयान अग्रवाल ने इन सबके लिए अपने माता-पिता को महत्व दिया।