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क्रांतिकारी! कैम्ब्रिज में भारतीय छात्र ने सुलझाई 2500 साल पुरानी संस्कृत की पहेली

ऋषि राजपोपट ने पाणिनि के अष्टाध्यायी द्वारा सिखाए गए एक नियम को डीकोड करके यह क्रांतिकारी सफलता हासिल की है। पाणिनि को भाषा विज्ञान का जनक जाना जाता है। विश्वविद्यालय के अनुसार प्रमुख संस्कृत विशेषज्ञों ने राजपोपट की खोज को क्रांतिकारी बताया है

Photo by Charl Folscher / Unsplash

संस्कृत के विद्वानों के लिए जो पहेली सैकड़ों वर्षों से अबूझ बनी हुई थी, उसे कैम्ब्रिज में पढ़ने वाले एक भारतीय छात्र ऋषि राजपोपट ने सुलझा लिया है। संस्कृत व्याकरण की वह समस्या ईसा पूर्व पांचवीं शताब्दी से विद्वानों के लिए पहेली बनी हुई थी। अब कैम्ब्रिज से पीएचडी करने वाले छात्र पोपट का शोध छपकर आने के बाद इसका समाधान हुआ है।

राजपोपट ने बताया कि कुछ सप्ताह तक तो उत्साह में ठीक से सो ही नहीं पाया। लाइब्रेरी में घंटों बीतने लगे। 

ऋषि राजपोपट ने पाणिनि के अष्टाध्यायी द्वारा सिखाए गए एक नियम को डीकोड करके यह क्रांतिकारी सफलता हासिल की है। पाणिनि को भाषा विज्ञान का जनक जाना जाता है। विश्वविद्यालय के अनुसार प्रमुख संस्कृत विशेषज्ञों ने राजपोपट की खोज को क्रांतिकारी बताया है और आशा जताई है कि अब पाणिनि का व्याकरण भी पहली बार कंप्यूटर के माध्यम से सीखा-समझा जा सकेगा।

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