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बड़ा आरोप: भारतीय छात्रों का 'सस्ते मजदूर' की तरह इस्तेमाल कर रहा कनाडा

कनाडा में लगभग 1.83 लाख भारतीय छात्र विभिन्न स्तरों पर पढ़ाई कर रहे हैं। पढ़ाई के लिए विदेशी संस्थानों का रुख करने वाले भारतीय छात्रों के लिए यह दुनिया का दूसरा सबसे पसंदीदा स्थान है। हालांकि पढ़ाई के बाद कुछ दिक्कतों को लेकर कई विदेशी छात्र सरकार से नाराज हैं।

Photo by Andy Holmes / Unsplash

कनाडा में कुछ भारतीय छात्रों ने आरोप लगाया है कि वहां उनका इस्तेमाल सस्ते मजदूर की तरह किया जा रहा है। जरूरत न रहने पर उन्हें निकाल दिया जाता है। यह आरोप ऐसे समय सामने आए हैं, जब श्रमिकों की कमी और ऊंची बेरोजगारी दर झेल रहे कनाडा ने एक नई योजना की घोषणा की है जिसका लक्ष्य देश में श्रमिकों की भारी कमी की पूर्ति करना है।

कनाडा में विदेशी छात्रों का कहना है कि सरकार को उनका इस्तेमाल केवल सस्ते श्रम के रूप में नहीं करना चाहिए। Photo by Eliott Reyna / Unsplash

बता दें कि प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार ने देश में पहले से मौजूद पांच लाख से अधिक विदेशी छात्रों के लिए काम के घंटे बढ़ाने और स्नातक होने के बाद 18 महीने तक रहने के परमिट जैसी सुविधाओं के विस्तार की शुरुआत की थी। हालांकि एक साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी इनमें से काफी लोगों को काम करने के दर्जे के बिना या देश में रहने के अधिकार के बिना ही छोड़ दिया गया है।

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