अमेरिका में 46 वर्षीय भारतीय मूल के दंत चिकित्सक ने कोविड-19 राहत राशि का निजी इस्तेमाल करने का अपराध स्वीकार कर लिया है। हालांकि भारतीय अमेरिकी ने सजा सुनाने से पहले उस पैसे को सरकार को वापस देने पर सहमति भी जताई है।
मामला ये है कि भारतीय मूल के दंत चिकित्सक रंजन राजबंशी ने दो साल के लिए कोविड-19 राहत राशि में से 500,000 अमेरिकी डॉलर का इस्तेमाल निवेश जैसे अनुचित व्यक्तिगत खर्चों के लिए किया था।
कैलिफोर्निया में अपनी प्रैक्टिस करने वाले राजबंशी को अप्रैल 2020 से फरवरी 2022 तक लघु व्यवसाय प्रशासन (SBA) और अमेरिकी स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग (HHS) से निर्दिष्ट व्यवसाय के लिए 850,000 अमेरिकी डॉलर से अधिक की कोविड-19 राहत राशि मिली थी। इस रकम का राजबंशी को कर्मचारियों की तनख्वाह देने समेत अपने व्यवसाय से जरूरी काम के लिए प्रयोग करना था।
न्याय विभाग ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि राजबंशी ने राहत राशि के 500,000 अमेरिकी डॉलर का निवेश जैसे अनुचित व्यक्तिगत खर्चों के लिए उपयोग किया था जिसे उसने स्वीकार कर लिया है। इसके साथ ही राजबंशी ने सजा सुनाए जाने से पहले इस रकम को सरकार को वापस करने की सहमति भी जताई है।
प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि संघीय जांच ब्यूरो, महानिरीक्षक के एसबीए कार्यालय और महानिरीक्षक के एचएचएस कार्यालय द्वारा जांच किए जाने के बाद यह मामला सामने आया था। इस मामले में राजबंशी को अधिकतम 10 साल की जेल और 250,000 अमेरिकी डॉलर के जुर्माने की वैधानिक सजा का सामना करना पड़ सकता है।
राजबंशी को 4 दिसंबर को अमेरिकी जिला न्यायाधीश द्वारा सजा सुनाई जाएगी। बता दें कि कोविड-19 फ्रॉड इन्फोर्समेंट टास्क फोर्स को साल 2021 में स्थापित किया गया था। इसकी स्थापना महामारी से संबंधित धोखाधड़ी से निपटने के लिए की गई थी।