यूके में अवैध रूप से घुसपैठ करने वाले भारतीयों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। इस साल के पहले तीन महीनों में इंग्लिश चैनल पार करके आने वाले लोगों में दूसरी सबसे बड़ी संख्या भारतीयों की है। नए डाटा से ये भी जानकारी सामने आई है कि इस तरह अवैध रूप से आने वालों में ज्यादातर भारतीय पंजाब के रहने वाले हैं।
आंकड़े बताते हैं कि 1 जनवरी से 31 मार्च 2023 के बीच कुल 3793 लोग छोटी नावों के सहारे यूके में घुसे थे। इनमें 24 फीसदी अफगानी थे और 18 फीसदी भारतीय। भारतीयों की ये संख्या लगभग उतनी ही है, जितने पिछले पूरे साल में आए थे। 2022 में 683 भारतीयों ने फ्रांस के रास्ते अवैध रूप से इंग्लिश चैनल पार किया था।
आंकड़ों के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया है कि छोटी नावों में बैठकर ब्रिटेन आने वालों में अधिकतर लोग पंजाब, दिल्ली और गुजरात के हैं। ये लोग ब्रिटेन में अच्छे भविष्य और मोटी पगार वाली नौकरी का सपना लेकर आते हैं। हालांकि ये अलग बात है कि उन्हें इस तरह आने के बाद रेस्तराओं में बर्तन धोने और खेतों में मजदूरी करने जैसे काम करने पड़ते हैं।
नॉर्थ अमेरिकन पंजाबी एसोसिएशन के सतनाम सिंह चहल इस तरह आने वाले अवैध भारतीयों की कानूनी मदद करते हैं। वह बताते हैं कि अवैध प्रवासियों में ज्यादातर युवक 18 से 35 साल की उम्र के होते हैं। ये लोग आमतौर पर फ्रांस, ग्रीस या सर्बिया का टूरिस्ट वीजा लेकर वहां पहुंचते हैं और फिर छोटी नावों में बैठकर इंग्लिश चैनल पार करते हैं। इन देशों का वीजा लेना ज्यादा मुश्किल नहीं है। भारत में कई एजेंट मोटे पैसे लेकर ये उपलब्ध करा देते हैं।
चहल ने बताया कि एक बार ब्रिटेन की धरती पर कदम रखने के बाद ये अवैध प्रवासी शरणार्थी के तौर पर शरण लेने के लिए आवेदन कर देते हैं। पिछले साल 3248 लोगों में एसाइलम के लिए अर्जियां लगाई थीं। ये अलग बात है कि उनमें से महज 4 फीसदी लोगों को ही शरण देने के लिए शुरुआती दौर में सही पाया गया था।
चहल ने बताया कि शरण पाने का आवेदन खारिज होने के बाद इन लोगों के पास अपील करने का अधिकार होता है। जब तक ये कानूनी कार्रवाई चलती है, ये लोग अवैध रूप से खेतों और रेस्तराओं में काम करते रहते हैं।
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