सैन फ्रांसिस्को (अमेरिका) में भारतीय वाणिज्य दूतावास द्वारा भारत के रक्षामंत्री के लिए एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में भारतीय अमेरिकियों ने भी बड़ी मात्रा में हिस्सा लिया। भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय अमेरिकियों से कहा कि मैं आपको इस संपूर्ण भारतीय पहचान को बनाए रखने के लिए बधाई देता हूं। यह कोई छोटी बात नहीं है। किसी स्थान पर लंबे समय तक रहने से लोग अपनी सांस्कृतिक पहचान खो देते हैं। लेकिन भारत से बाहर रहने वाले भारतीय हमेशा खुद को भारतीय कहने में गर्व महसूस करते हैं।

सिंह ने कहा कि अपने राजनीतिक जीवन में वह अमेरिका की अपनी चौथी यात्रा कर रहे हैं। हालांकि सैन फ्रांसिस्को की उनकी पहली यात्रा है। उन्होंने कहा कि अगर मैं यहां एक राजनेता के रूप में आया होता, आधिकारिक दौरे पर नहीं तो मैं उन सभी जगहों पर भारतीय समुदाय से मिला होता, जहां मैं पहले गया था। दरअसल रक्षा मंत्री यहां वाशिंगटन डीसी में भारत यूएस 2+2 मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लेने के लिए आए थे।
अपनी पांच दिनों की अमेरिका यात्रा को फलदायी बताते हुए सिंह ने कहा कि उन्होंने अपने अमेरिकी समकक्ष रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन के साथ शानदार मुलाकात की। भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका सबसे बड़ी लोकतांत्रिक शक्ति होने के नाते वैश्विक शांति और समृद्धि स्थापित करने की क्षमता रखते हैं। आज पूरी दुनिया जानती है कि भारत और अमेरिका स्वाभाविक सहयोगी हैं। इस संबंध में स्थिरता और निरंतरता है। साथ ही दोनों देशों को इस स्थिरता और निरंतरता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है।
सिंह ने कहा कि इस जमीनी हकीकत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है कि अमेरिका में नई ऊंचाईयों पर चढ़ने वाले भारतीय प्रवासी इस रिश्ते में अहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि भारत के लोगों को उन उपलब्धियों पर हमेशा गर्व होता है जो भारतीय मूल के लोग या उसके प्रवासी यहां हासिल करते हैं। उदाहरण के लिए जब पराग अग्रवाल ट्विटर के सीईओ बने तो भारत में लोगों को लगा कि उनमें से कोई ट्विटर का सीईओ बन गया है।

तालियों के बीच सिंह ने कहा कि इसी तरह अमेरिका में हमारे बीच से कई टेक लीडर हैं। चाहे वह माइक्रोसॉफ्ट के सत्य नडेला हों या गूगल के सुंदर पिचाई हों। भारतीय समुदाय को अपने संबोधन में सिंह ने कहा कि अतीत में अगर दुनिया का कोई भी देश विकसित और समृद्ध होना चाहता था तो वे हमेशा भारत के साथ एक जीवंत व्यापार स्थापित करने के बारे में सोचते थे। हमें 2047 में अपना 100वां स्वतंत्रता दिवस मनाने के समय तक भारत में एक समान पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करने का लक्ष्य रखना चाहिए।
रक्षा मंत्री ने बताया कि 2013 में न्यू जर्सी में एक स्वागत समारोह में अमेरिका की अपनी अंतिम यात्रा के दौरान उन्होंने भारतीय अमेरिकियों के एक समूह से कहा था कि भारत की सफलता की कहानी खत्म नहीं हुई है। हम बीजेपी के सत्ता में आने का इंतजार कर रहे हैं। उस समय लोग तत्कालीन कांग्रेस सरकार से लोग निराश थे। आठ साल में मोदी सरकार ने पूरे देश का रुख बदल दिया है। वहां आठ वर्षों के दौरान भारत की छवि बेहतरी के लिए बदली है। विश्व स्तर पर लोगों ने अब महसूस किया है कि भारत अब एक कमजोर देश नहीं है। यह विश्व का शक्तिशाली देश है। आज भारत में दुनिया का नेतृत्व करने की क्षमता है। भारत की यह क्षमता एक ऐसी चीज है जिसे दुनिया अब समझ चुकी है।
उन्होंने कहा कि इतने कम समय में भारत जैसे देश के लिए इससे बड़ी उपलब्धि और कुछ नहीं हो सकती। भारत में ऐसे कई प्रधानमंत्री हुए हैं जो इस पद पर आसीन होने के बाद देश के नेता बने। लेकिन भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की तरह, अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी प्रधान मंत्री बनने से पहले ही देश के नेता थे। उन्होंने कहा कि आज हमारे पास एक नया और आत्मविश्वास से भरा भारत है। भारत अब एक आत्मनिर्भर भारत बनने की ओर अग्रसर है जैसा कि पीएम मोदी ने कहा था। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार इस संबंध में रक्षा क्षेत्र सहित कई अन्य क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कदम उठा रही है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारतीय प्रतिभाएं दुनिया के आईटी क्षेत्र में प्रमुख भूमिका निभा रही हैं। मोदी सरकार ने बड़े पैमाने पर डिजिटलीकरण की दिशा में कदम उठाए हैं। भारत आज एक आर्थिक शक्ति बनने की ओर अग्रसर है। सरकार आज न केवल अपने लोगों के कल्याण और समृद्धि की दिशा में काम कर रही है बल्कि दुनिया के अन्य हिस्सों में भी लोगों की मदद कर रही है। भारत आज दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में से एक है। महामारी के कारण हमारी अर्थव्यवस्था को झटका लगा है। लेकिन अब हम तेजी से ठीक हो रहे हैं।
सिंह ने भारतीय अमेरिकियों को चीन के खिलाफ अपनी सीमा पर भारतीय सैनिकों द्वारा दिखाई गई वीरता के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मैं खुले तौर पर नहीं कह सकता कि उन्होंने क्या किया और हमने क्या फैसले लिए लेकिन मैं यह जरूर कह सकता हूं कि एक संदेश गया है कि अगर भारत को नुकसान हुआ तो भारत किसी को नहीं बख्शेगा। भारत को अगर कोई छलने की कोशिश करेगा तो भारत छोडेगा नहीं।
उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि भारत के एक देश के साथ अच्छे संबंध हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि किसी अन्य देश के साथ उसके संबंध खराब हो जाएंगे। भारत ने इस तरह की कूटनीति कभी नहीं अपनाई है। भारत इस तरह की कूटनीति कभी नहीं अपनाएगा। भारत द्विपक्षीय संबंध रखने में विश्वास करता है जो दोनों देशों के लिए लाभकारी हों भारत की छवि बदल गई है। भारत का मान बढ़ा है। अगले कुछ सालों में दुनिया की कोई ताकत भारत को दुनिया की टॉप थ्री इकॉनमी बनने से नहीं रोक सकती।