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NCRM ने श्रीश्री रविशंकर के योगदान को सराहा, शांति दूत सम्मान से नवाजा

श्रीश्री इस समय शांति का संदेश लेकर दुनिया की यात्रा पर हैं। उनकी 'आई स्टैंड फॉर पीस' यात्रा सोमवार को मिड साउथ पहुंची थी। NCRM बोर्ड की निदेशक शैला करकेरा ने कहा कि श्रीश्री को यह सम्मान प्रदान करते हुए हमें बहुत हर्ष की अनुभूति हो रही है।

विश्व प्रसिद्ध मानवतावादी और आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर को राष्ट्रीय नागरिक अधिकार संग्रहालय (NCRM) मेम्फिस की ओर से शांति दूत सम्मान से नवाजा गया है। श्रीश्री इस समय शांति का संदेश लेकर दुनियाभर की यात्रा कर रहे हैं। NCRM को अमेरिका में अहिंसा और सामाजिक परिवर्तन के इतिहास का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जाता है।

NCRM बोर्ड की निदेशक शैला करकेरा ने कहा कि संग्रहालय की ओर से श्रीश्री को यह सम्मान प्रदान करते हुए हमें बहुत हर्ष की अनुभूति हो रही है। एक विश्व मानवतावादी और शांति दूत के रूप में श्रीश्री ने 180 देशों के लाखों-लाख लोगों को अपने अदृश्य स्पर्श से आत्मिक सुख और शांति प्रदान की है। संघर्ष समाधान की ये पहल साधुवाद की पात्र है। लिहाजा ये सम्मान प्रदान करते हुए हम स्वयं सम्मानित महसूस कर रहे हैं। सम्मान समारोह में NCRM बोर्ड के चेयरमैन हर्ब हिलियार्ड भी मौजूद रहे।

श्रीश्री रविशंकर की 'आई स्टैंड फॉर पीस' यात्रा सोमवार को मिड साउथ पहुंची थी। इसी अंतरराष्ट्रीय अभियान के तहत गुरुदेव मेम्फिस गए थे। गुरुदेव के शांति अभियान में हजारों मेम्फिस वासियों ने हिस्सा लिया और अपनी आंतरिक और बाह्य शांति की प्रतिबद्धता को दोहराया। यात्रा के दौरान गुरुदेव ने स्थानीय अधिकारियों, नगर परिषद के सदस्यों, शिक्षा विभाग के लोगों तथा न्याय विभाग के अधिकारियों से मुलाकात की और हिंसा में कमी लाने वाले उपायों पर चर्चा की।

इस मौके पर गुरुदेव ने कहा कि वैश्विक शांति के संदेश को जन-जन तक फैलाने के लिए हम सबको साथ आना चाहिए। संघर्ष और युद्ध से न केवल हमारे पर्यावरण का विनाश होता है बल्कि व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी ऐसे हालात हानिकारक हैं। व्यक्तिगत शांति के बगैर वैश्विक शांति संभव नहीं है। लिहाजा अगर हमें बाह्य शांति चाहिए तो पहले आंतरिक शांति प्राप्त करनी होगी।

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