भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने और उसके बाद उनकी संसद सदस्यता खत्म किए जाने का मामला राजनीतिक हलकों में गरमाया हुआ है। इस मामले में अमेरिका का बयान भी चर्चा में है। अमेरिकी विदेश विभाग के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा कि भारतीय अदालतों में चल रहे राहुल गांधी के मामले पर अमेरिका की भी नजर है।
#WATCH | "Respect for rule of law & judicial independence is a cornerstone of any democracy. We’re watching Mr Gandhi’s case in Indian court .... ":Vedant Patel, US Principal Dy Spokesperson on defamation case against Rahul Gandhi over his 'Modi surname' remark pic.twitter.com/WFUaAcBWd0
— ANI (@ANI) March 27, 2023
वाइट हाउस में एक नियमित ब्रीफिंग के दौरान भारत में कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के संसद से निष्कासन और सदस्यता खत्म करने के मामले में सवाल पूछा गया था कि क्या यह लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप है? इस सवाल के जवाब में पटेल ने कहा कि किसी भी देश के लोकतंत्र का बुनियादी आधार वहां के कानून का शासन और न्यायिक स्वतंत्रता का सम्मान है।
उन्होंने कहा कि भारतीय साझेदारों के साथ हमारा जुड़ाव यह दिखाता है कि हम लोकतंत्र के सिद्धांतों को कितना तवज्जो देते हैं। इसके साथ ही उन्होंने दोनों प्रजातांत्रिक देशों की गरिमा पर जोर देते हुए कहा कि मानवाधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संरक्षण को हम कितना महत्व देते हैं।
गौरतलब है कि 2019 में कर्नाटक में एक चुनावी रैली के दौरान की राहुल गांधी ने मोदी सरनेम को लेकर टिप्पणी की थी। इस टिप्पणी पर मानहानि के मामले में 23 मार्च को गुजरात कोर्ट ने उन्हें दो साल कैद की सजा सुनाई। सजा के बाद उनकी सांसदी भी चली गई। गुजरात में भारतीय जनता पार्टी के विधायक पूर्णेश मोदी ने सूरत कोर्ट में राहुल के खिलाफ मामला दर्ज कराया था।
सूरत की अदालत से सजा मिलने के बाद राहुल गांधी को लोकसभा सदस्य यानी सांसदी के अयोग्य घोषित कर दिया गया। वह केरल की वायनाड सीट से सांसद थे। उन्हें अयोग्य करार देने के बाद से कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल एकजुट होकर लगातार केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध कर रहे हैं। इस बीच अब राहुल गांधी को आवंटित सरकारी बंगला खाली करने का भी नोटिस दे दिया गया है।