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OCI कार्ड रद्द किया तो प्रोफेसर की अर्जी पर हाईकोर्ट ने भारत सरकार से मांगा जवाब

अशोक स्वीडन में उप्साला विश्वविद्यालय में शांति और संघर्ष अनुसंधान विभाग में प्रोफेसर हैं। उन पर भड़काऊ भाषण देने और भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने का आरोप है। हालांकि स्वैन का दावा है कि उन्होंने कोई भड़काऊ भाषण नहीं दिया है। इस साल 8 फरवरी को उनका ओसीआई कार्ड रद्द किया गया था।

स्वीडन में भारतीय मूल के प्रोफेसर अशोक स्वैन का प्रवासी भारतीय नागरिक कार्ड (OCI) भारत सरकार ने रद्द कर दिया है। सरकार के इस फैसले को प्रो. स्वैन ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है। इस पर हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब तलब किया है। अशोक स्वीडन में उप्साला विश्वविद्यालय में शांति और संघर्ष अनुसंधान विभाग में प्रोफेसर हैं।

उप्साला विश्वविद्यालय के प्रोफेसर स्वैन पर भड़काऊ भाषण देने व भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने का आरोप है। 

प्रो. स्वैन की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस प्रतिभा सिंह ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया और कहा कि वह चार सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करे। मामले की अगली सुनवाई फरवरी में होगी। स्वैन का कहना है कि 2020 में उन्हें एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था और इस साल फरवरी में उनके OCI कार्ड को मनमाने ढंग से प्रतिबंधित कर दिया गया था।

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