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भारत के साथ मजबूत साझेदारी पर राष्ट्रपति बाइडेन ने दिया जोर

एपीईसी सीईओ के शिखर सम्मेलन में बाइडेन ने सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला की मजबूत के लिए भारत समेत कई देशों के साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जाहिर की। भारत का विशेष उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भारत महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है।

एपीईसी सीईओ के शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति बाइडेन।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक बार फिर से भारत के साथ अपने मजबूत संबंधों को रेखांकित किया है। एपीईसी सीईओ के शिखर सम्मेलन में बाइडेन ने सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला की मजबूत के लिए भारत समेत कई देशों के साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जाहिर की।

राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि वियतनाम की यात्रा के दौरान मैंने साझेदारी के नए ऐतिहासिक दौर के तहत भारत, जापान, कोरिया गणराज्य और सिंगापुर के साथ सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई। हमने ऐसी नई पहल शुरू कीं, जो प्रौद्योगिकी के भविष्य को बदलने की क्षमता रखती हैं।

भारत का विशेष उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि सेमीकंडक्टर क्षेत्र की वैश्विक पहल में भारत महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है। इस क्षेत्र में अमेरिका और भारत के बीच मजबूत साझेदारी न केवल तकनीकी तरक्की के लिए पारस्परिक प्रतिबद्धता का प्रतीक है बल्कि वैश्विक प्रौद्योगिकी परिदृश्य में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में भारत के रणनीतिक महत्व को भी रेखांकित करती है।

बता दें कि इस साल मार्च में भारत और अमेरिका ने सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला और इनोवेशन साझेदारी पर एक समझौता किया है। 10 मार्च को भारत के केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और अमेरिकी वाणिज्य सचिव जीना एम रायमोंडो के बीच नई दिल्ली में हुए इस समझौते को व्हाइट हाउस की फैक्टशीट में भविष्य के लिए एक प्रौद्योगिकी साझेदारी बताया गया है।

समझौते का उद्देश्य भारत अमेरिका की क्षमताओं का लाभ उठाते हुए वाणिज्यिक अवसरों को बढ़ाना और सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम के विकास को सुविधाजनक बनाना है। समझौता ज्ञापन में पारस्परिक रूप से लाभप्रद अनुसंधान व विकास और प्रतिभा एवं कौशल विकास की परिकल्पना की गई है।

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