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खुलासा: लीसेस्टर की घटना को जान-बूझकर अलग 'रंग' इसलिए दिया गया

बर्मिंघम में यूनाइटेड किंगडम के स्मेथविक में दुर्गा भवन मंदिर के बाहर 20 सितंबर को भीड़ ने हिंसक प्रदर्शन किया। इसके बाद लीसेस्टर पुलिस विभाग ने कहा कि हिंदुओं की किसी भी तरह की हिंसा में 'कोई संलिप्तता' नहीं थी। लेकिन भीड़ को नियोजित तिथियों पर जुटने और उपद्रवी व्यवहार करने के लिए उकसाया गया था।

ब्रिटेन के लीसेस्टर में भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच के बाद हुई हिंसक झड़पों को हिंदू-मुस्लिम प्रतिद्वंद्विता का रूप देने के लिए हिंदू निवासियों ने मीडिया के प्रति असंतोष व्यक्त किया है। यह झड़पें पिछले दिनों हुई थीं।

हिंसा के बाद शांति स्थापित करने के लिए लीसेस्टर के इस्कॉन मंदिर के अध्यक्ष प्रद्युम्न दास ने एक मस्जिद के बाहर शांति के लिए दोनों समुदाय की ओर से एक संयुक्त बयान पढ़ा था।

जानी मानी पत्रकार अर्शिया मलिक ने एशियन लाइट इंटरनेशनल में लिखा है कि हिंदू निवासियों ने इस बात पर आपत्ति जताई है कि मीडिया ने उनकी दुर्दशा को सामने नहीं रखा और इसके बजाय इसे हिंदू-मुस्लिम प्रतिद्वंद्विता में बदल दिया।

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