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धोखाधड़ी रोकने का विशेषज्ञ बन भारतीय ने बुजर्गाें को लूटा, मिली ये सजा

बजाज और उसके सहयोगी विभिन्न बैंकों, ऑनलाइन रिटेलर और ऑनलाइन पैमेंट कंपनियों के धोखाधड़ी रोकथाम विशेषज्ञ बनते थे और फोन के जरिए पीड़ितों से संपर्क करते थे।

अमेरिका में बुजुर्गों को अंतरराष्ट्रीय साजिश के तहत ठगने के आरोप में भारतीय नागरिक आशीष बजाज को 33 महीने की सजा सुनाई गई है। नेवार्क संघीय अदालत में जिला न्यायाधीश केविन मैकनेकल ने आशीष को ऑनलाइन धोखाधड़ी करने की साजिश का दोषी ठहराते हुए 2.4 मिलियन डॉलर यानी लगभग 19 करोड़ रुपये का भुगतान करने का भी आदेश दिया है। आशीष की उम्र मात्र 29 वर्ष है।

कोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार कुल मिलाकर पीड़ितों से 250,000 डॉलर से अधिक की उगाही की गई थी।

मिली जानकारी के अनुसार अप्रैल 2020 से अगस्त 2021 के बीच आशीष ने अपने सहयोगियों के साथ बुजुर्गें को ठगा। बजाज और उसके सहयोगी विभिन्न बैंकों, ऑनलाइन रिटेलर और ऑनलाइन पैमेंट कंपनियों के धोखाधड़ी रोकथाम विशेषज्ञ बनते थे और फोन के जरिए पीड़ितों से संपर्क करते थे। वह पीड़ितों से झूठा दावा करते थे कि वह प्रतिष्ठित कंपनियों द्वारा नियोजित धोखाधड़ी रोकथाम विशेषज्ञ हैं। वे पीड़ितों को विश्वास दिलाते थे कि उनके बैंकों, ऑनलाइन रिटेलर और ऑनलाइन पैमेंट कंपनियों के खातों के साथ छेड़खानी की जा रही है।

इसके बाद वे पीड़ितों से कहते थे कि धोखाधड़ी रोकने और अपराधियों को पकड़ने के लिए एक स्टिंग ऑपरेशन करना होगा जिसमें पीड़ित की जरूरत होगी। वह कहते थे कि इसके लिए उन्हें अपने अकाउंट से भुगतान करना होगा जिसे स्टिंग ऑपरेशन के कुछ दिनों के भीतर वापस कर दिया जाएगा। वे पीड़ितों से यह भी वादा करते थे कि पैसे भेजने के बाद स्टिंग ऑपरेशन में कथित अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

बता दें कि पीड़ितों ने उनकी बातों में आकर भारत, चीन, सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात स्थित विभिन्न बैंकों में लाखों-करोड़ों रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर किए थे। पीड़ितों ने अमेरिका में बजाज के बैंक खातों में भी कई बार पैसे भेजे थे। पीड़ितों ने कैश और चेक के जरिए भी बजाज के कैलिफोर्निया के एक पते पर पैसे भेजे थे। कोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार कुल मिलाकर पीड़ितों से 250,000 डॉलर से अधिक की उगाही की गई थी।

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