भारत की राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार पर आई मुसीबत और बढ़ती नजर आ रही है। सरकार के दो वरिष्ठ मंत्रियों मनीष सिसोदिया व सत्येंद्र जैन ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। सरकार के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनके इस्तीफे मंजूर कर लिए हैं। उनके विभागों का प्रभार दूसरे मंत्रियों को देने का निर्णय लिया गया है। विशेष बात यह है कि सरकार के दोनों मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। इनमें से एक नौ माह से जेल में बंद है तो दूसरे को शराब घोटाले के आरोप में जांच एजेंसी सीबीआई ने हाल में गिरफ्तार किया है।
ऐसी जानकारी है कि इन दोनों मंत्रियों के विभागों को परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत और विधायक राजकुमार आनंद को देने का निर्णय लिया गया है। सूत्र बताते हैं कि देर शाम सिसोदिया और जैन ने सीएम को अपने इस्तीफे सौंपे, जिसके बाद उनके इस्तीफे को बिना किसी हिचक के मंजूर कर लिया गया। मनीष सिसोदिया को जहां शराब पॉलिसी केस में सीबीआई ने 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था, वहीं सत्येंद्र जैन मनी लॉन्ड्रिंग केस में पिछले साल 30 मई से तिहाड़ जेल में बंद हैं। सिसोदिया दिल्ली की केजरीवाल सरकार के सबसे ताकतवर मंत्री थे। उनके पास कुल 33 में से 18 विभाग थे। वहीं जैन के पास स्वास्थ्य, उद्योग समेत 7 मंत्रालयों की जिम्मेदारी थी। उनके जेल जाने के बाद इन्हें बाद में सिसोदिया को सौंप दिया गया था।
दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार पर सवाल इसलिए उठ रहे थे कि यह पार्टी भ्रष्टाचार के खिलाफ और राजनैतिक शुचिता का वादा करके सत्ता में आई थी, अब भ्रष्टाचार व अन्य आरोपों में लगातार घिरती जा रही थी। पहले भी दिल्ली सरकार के चार मंत्री विभिन्न आरोपों में गिरफ्तार हो चुके हैं। इस कड़ी में सत्येंद्र जैन मनी लॉंड्रिंग के आरोप में पिछले नौ माह से अपनी ही सरकार की जेल में बंद हैं। अब सरकार के दूसरे नंबर के मंत्री व पार्टी के ताकतवर नेताओं में से एक मनीष सिसोदिया पर भी भ्रष्टाचार की गाज गिर गई। दिल्ली में वर्ष 2021 में लागू हुई शराब नीति को लेकर उन पर डीलर्स व अन्य लोगों को लाभ पहुंचाने का आरोप है। हाल ही में सीबीआई ने लंबी पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने मनीष सिसोदिया से पूछताछ के लिए जांच एजेंसी को पांच दिन हिरासत में रखने की बात मान ली थी।
मंगलवार को नया मोड़ तब आया, जब मनीष सिसोदिया के लिए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और आरोप लगाया कि उनके मंत्री से जांच एजेंसी का पूछताछ का तरीका गलत है। उनकी हिरासत भी कानूनसम्मत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने दोपहर बाद इस मामले में सुनवाई के दौरान सरकार के वकील को स्पष्ट कह दिया कि वह इस मामले की सुनवाई नहीं करेगा। आप पहले हाईकोर्ट जाएं। कोर्ट का कहना था कि हम इस मामले की सुनवाई करके गलत परंपरा को बढ़ावा नहीं दे सकते। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद सिसोदिया के साथ-साथ जेल में बंद बिना विभाग के मंत्री सत्येंद्र जैन ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया।
उनके इस्तीफे के बाद विपक्ष एक बार फिर से दिल्ली सरकार पर हमलावर हो गया है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने केजरीवाल सरकार को आड़े हाथ लिया और आरोप लगाया कि यह सरकार तीन 'सी' पर चलती है, यानी- कट, कमीशन और करप्शन। उन्होंने कहा कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने नौ महीने के बाद जैन का इस्तीफा मंजूर किया। उन्होंने जानकारी दी कि सुप्रीम कोर्ट में दायर सिसोदिया की याचिका में कहा गया था कि वो 18 विभागों को देखते हैं। जब उन पर आरोप लगे तो सफाई देने के बजाय वो इन विभागों पर बैठे रहे। दूसरी बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस का दावा है कि उसके लिखित आरोपों के बाद सिसोदिया पर एक्शन हुआ। पार्टी का कहना है कि आप सरकार हमेशा जनविरोधी और भ्रष्टाचार में लिप्त रही है।