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डेनमार्क की पीएम ने कहा, स्वागत है आपका, मोदी बोले, द्विपक्षीय संबंध गहरे होंगे

पीएम मोदी ने प्रेस को हिंदी में संबोधित करते हुए भारत की ओर से किए जा रहे प्रयास को गिनाया। पीएम मोदी इस यूरोपीय देश के दौरे पर उद्योग जगत के लोगों और महारानी मार्गरेट द्वितीय से मुलाकात करेंगे। वह जर्मनी की तरह यहां भी भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे।

डेनमार्क पहुंचे पीएम मोदी

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को अपने यूरोपीय देशों की यात्रा के दूसरे पड़ाव पर डेनमार्क पहुंच गए हैं। राजधानी कोपेनहेगन में उनका रेड कार्पेट वेलकम हुआ, प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन खुद उनका स्वागत करने एयरपोर्ट पहुंचीं। इसके बाद दोनों फ्रेडरिक्सन के आधिकारिक आवास पहुंचे, जहां दोनों देशों के बीच प्रतिमंडल स्तर की द्विपक्षीय वार्ता हुई। भारत में मौजूद डेनमार्क के मिशन ने इस अवसर पर बयान जारी कर कहा कि पीएम मोदी के ऐतिहासिक दौरे से दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध गहरे होंगे।

पीएम मेटे फ्रेडरिक्सन के साथ पीएम मोदी।

मजबूत संबंध को परिभाषित करने वाली तस्वीरें

भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एयरपोर्ट की तस्वीरें साझा की हैं, जिसमें पीएम मोदी और पीएम फ्रेडरिक्सन एक दूसरे से गर्मजोशी से मिलते दिख रहे हैं। उनकी हंसती-मुस्कराती तस्वीरें डेनमार्क और भारत के संबंध की मजबूती का भी परिचायक हैं। पीएम मोदी ने कोपनेहेगन उतरने के बाद ट्वीट किया, 'अभी कोपेनहेगन उतरा। मैं पीएम फ्रेडरिक्सन के गर्मजोशी से किए गए स्वागत का आभारी हूं। यह दौरा भारत-डेनमार्क के संबंध को आगे मजबूती देने की दिशा में काम करेगा।'

पीएम आवास पहुंचकर हुई द्विपक्षीय वार्ता

एयरपोर्ट से भारतीय पीएम सीधे मैरिनबोर्ग स्थित पीएम मेटे फ्रेडरिक्सन के आवास पहुंचे। यहां दोनों आवास के बागान में घूमते और फिर 'चाय पर चर्चा' करते नजर आए। इस संक्षेप बातचीत के बाद भारत और डेनमार्क के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता शुरू हुई जिसमें दोनों मौजूद रहे। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने हरित रणनीतिक साझेदारी पर हुई प्रगति की समीक्षा की और साथ कौशल विकास, जलवायु परिवर्तन, नवीनीकृत ऊर्जा, आर्कटिक, पी2पी संबंध पर चर्चा की।

डेनमार्क के पीएम के आवास पर पहुंचे पीएम मोदी।

संयुक्त प्रेस वार्ता में यह बोले मोदी

द्विपक्षीय वार्ता के बाद दोनों ने संयुक्त रूप से प्रेस को संबोधित किया। पीएम मोदी ने प्रेस को हिंदी में संबोधित करते हुए भारत की ओर से किए जा रहे प्रयास को गिनाया।  उन्होंने कहा, 'आज 200 से अधिक  डेनिश कंपनियां भारत में विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही हैं – जैसे पवन ऊर्जा, शिपिंग, कंसल्टेंसी, खाध्य प्रसंस्करण इंजीनियरिंग। इन्हें भारत में बढ़ते ‘ईज ऑफ डुइंग बिजनस’ और हमारे व्यापक आर्थिक सुधारों का लाभ मिल रहा है।'

वहीं, रूस और यूक्रेन के ताजा हालात का जिक्र करते हुए उन्होंने  कहा कि भारत चाहता है कि दोनों के बीच तत्काल युद्ध विराम हो। पीएम मोदी ने कहा, 'हमने एक मुक्त, समावेशी, नियम आधारित इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को सुनिश्चित करने पर जोर दिया। हमने यूक्रेन में तत्काल युद्धविराम और समस्या के समाधान के लिए बातचीत और कूटनीति का रास्ता अपनाने की अपील की है।'

बता दें कि भारत और डेनमार्क के बीच सितंबर 2020 में हरित रणनीतिक साझेदारी शुरू हुई थी, इसे पंचवर्षीय कार्य योजना का रूप तब दिया गया था, जब पीएम मेटे फ्रेडरिक्सन ने अक्टूबर 2021 में भारत का दौरा किया था। फिलहाल  डेनमार्क की 200 से अधिक कंपनियां मेक इन इंडिया, जल जीवन मिशन, डिजिटल इंडिया जैसी सरकारी योजनाओं से जुड़ी हुई हैं। जबकि भारत के 60 से अधिक कंपनियां डेनमार्क में मौजूद हैं। ऐसे में दोनों देशों के बीच मजूबती साझेदारी समय की मांग है।

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