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तुर्की में 'ऑपरेशन दोस्त'वसुधैव कुटुंबकम का बेहतरीन उदाहरणः पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि हमारी संस्कृति ने हमें वसुधैव कुटुंबकम की सीख दी है। इसलिए तुर्किये हो या सीरिया, पूरी टीम ने इन्हीं भारतीय संस्कारों का प्रदर्शन किया है। हम पूरे विश्व को एक परिवार मानते हैं। देश कोई भी हो, अगर बात मानवता की है, मानवीय संवेदना की है तो भारत मानव हित को सर्वोपरि रखता है।

तुर्की में बचाव अभियान चलाने वाले दल के साथ पीएम नरेंद्र मोदी (फोटो @narendramodi)

भूकंप प्रभावित तुर्की और सीरिया में भारत ने किस तरह राहत और बचाव अभियान चलाया, ये पूरी दुनिया ने देखा। भारतीय बचाव दल ने ऑपरेशन दोस्त के तहत वहां पर कई लोगों की जानें बचाईं। आपदा के वक्त मदद मुहैया कराई। इस मिशन को अंजाम देने वाले एनडीआरएफ और अन्य संगठनों के सदस्यों से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुलाकात की और उनकी सराहना की।

पीएम मोदी ने कहा कि हमारी संस्कृति ने हमें वसुधैव कुटुंबकम की सीख दी है। इसलिए तुर्किये हो या सीरिया, पूरी टीम ने इन्हीं भारतीय संस्कारों का प्रदर्शन किया है। हम पूरे विश्व को एक परिवार मानते हैं। देश कोई भी हो, अगर बात मानवता की है, मानवीय संवेदना की है तो भारत मानव हित को सर्वोपरि रखता है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन दोस्त मानवता के प्रति भारत के समर्पण और संकट में घिरे राष्ट्रों के साथ खड़े होने की हमारी प्रतिबद्धता का एक उदाहरण है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस ऑपरेशन से जुड़ी पूरी टीम चाहे वह एनडीआरएफ हो, सेना हो, वायुसेना हो या हमारी दूसरी सेवाओं के साथी हों, सभी ने बेहतरीन काम किया है। यहां तक कि हमारे बेजुबान दोस्तों डॉग स्क्वॉड ने भी अद्भुत क्षमता का प्रदर्शन किया है। हम सभी ने वो तस्वीरें देखी हैं जहां एक मां माथे पर चूमकर आपको आशीर्वाद दे रही थी।

पीएम मोदी ने कहा कि जब भी कहीं कोई आपदा आती है तो भारत सबसे पहले मदद की पेशकश करता है। चाहे नेपाल भूकंप हो, मालदीव या श्रीलंका संकट, भारत सबसे पहले मदद के लिए आगे आया। अब दूसरे देशों का भी NDRF पर भरोसा बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि बीते कुछ वर्षों में एनडीआरएफ लोगों के बीच भरोसा कायम करने में सफल रहा है। चक्रवात हो, बाढ़ हो, या भूकंप हो, आपको संकट में आशा और विश्वास की एक किरण के रूप में देखा जाता है। यह NDRF के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।

पीएम मोदी ने कहा कि  2001 में जब गुजरात में भूकंप आया था, तब मैंने वॉलंटियर के तौर पर काम किया था और मैंने लोगों को बचाने में आने वाली दिक्कतों को देखा है। उन्होंने कहा कि जब कोई अपनी मदद खुद कर सकता है तो आप उसे सेल्फ सफिसिएंट कह सकते हैं, लेकिन जब कोई दूसरों की मदद करने में सक्षम होता है तो वो सेल्फलेस होता है। हम तिरंगा लेकर जहां भी पहुंचते हैं, वहां लोगों में उम्मीद बन जाती है कि अब भारत की टीमें आ चुकी हैं तो हालात ठीक होने शुरू हो जाएंगे।

भारत ने तुर्किए और सीरिया में 6 फरवरी को आए विनाशकारी भूकंप के बाद मदद देने के लिए ‘ऑपरेशन दोस्त’ शुरू किया था। प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश के बाद 7 फरवरी को राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की तीन टीमों को भूकंप प्रभावित देश में भेजा गया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक ट्वीट में बताया कि एनडीआरएफ के 151 कर्मियों और श्वान दस्तों की तीन टीमों ने भूकंप प्रभावित तुर्किए की मदद की। टीम ने नूरदागी और अंताक्या में 35 जगहों पर खोज, बचाव और राहत अभियान चलाया और जीवित लोगों का पता लगाया।

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