भारत और जापान के बीच नई दिल्ली में हुई शिखर वार्ता और उसके बाद भी दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच अनोखी बॉन्डिंग नजर आई। जापानी पीएम फुमियो किशिदा और भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी के बीच हुई शिखर वार्ता में दोनों देश सैन्य व आर्थिक सहयोग को प्रगाढ़ करने पर सहमत हुए हैं। शिखर वार्ता के बाद दोनों बुद्ध जयंती पार्क में गए, जहां गोल गप्पे, लस्सी और आम पना के साथ दोस्ती को गहरा बनाया।
Held excellent talks with PM @kishida230. We discussed boosting India-Japan ties in sectors like defence, healthcare, technology, and other issues. We also discussed ways to increase competitiveness in logistics, food processing, MSME, textiles and more. 🇮🇳 🇯🇵 pic.twitter.com/am4jXYliET
— Narendra Modi (@narendramodi) March 20, 2023
इससे पहले, पीएम मोदी और किशिदा ने भारत-जापान वैश्विक रणनीतिक साझेदारी का विस्तार करने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में दोनों देशों के फायदे के अलावा शांतिपूर्ण, स्थिर और समृद्ध हिंद-प्रशांत के लिए यह महत्वपूर्ण है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी लोकतांत्रिक सिद्धांतों और अंतरराष्ट्रीय कानून के शासन के सम्मान पर आधारित है, और यह हिंद-प्रशांत के लिए भी महत्वपूर्ण है।
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi and Japanese PM Fumio Kishida visit Buddha Jayanti Park in Delhi. The Japanese PM also tried Gol Gappe, Lassi and Aam Panna here.
— ANI (@ANI) March 20, 2023
(Source: DD News) pic.twitter.com/sC3khaR31v
हैदराबाद हाउस में बैठक के बाद पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच क्रिटिकल टेक्नोलॉजी, डिजिटल समेत कई अहम मुद्दों पर बातचीत हुई। लॉजिस्टिक, फूड प्रोसेसिंग, स्टील, एमएसएमई जैसे क्षेत्रों में भी सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई। बता दें कि भारत और जापान ने साल 2023 को टूरिज्म एक्सचेंज वर्ष के रूप में मनाने का भी फैसला किया है। इस दौरान जापानी प्रधानमंत्री ने मई महीने में होने वाली जी7 की बैठक में शामिल होने के लिए पीएम मोदी को निमंत्रण दिया जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।
किशिदा ने कहा कि भारत के साथ जापान का आर्थिक सहयोग तेजी से बढ़ रहा है। इससे न केवल भारत को विकास के पथ पर आगे बढ़ने में मदद मिलेगी बल्कि जापान के लिए भी महत्वपूर्ण आर्थिक अवसर पैदा होंगे। जापान अगले पांच वर्षों में भारत में पांच ट्रिलियन येन का निवेश करेगा। दोनों देशों के जापानी भाषा में सहयोग और मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल को लेकर दो अहम समझौते भी हुए।