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IOCUS ने चुनावी जीत पर कर्नाटक के लोगों को दी बधाई, नेताओं को सलाह

सीटों और वोट शेयर दोनों ही के मामले में कांग्रेस ने 30 से अधिक वर्षों के बाद कर्नाटक विधानसभा चुनावों में भारी जीत हासिल की है। यह जीत कांग्रेस के लिए एक टर्निंग प्वाइंट साबित हो सकती है।

राहुल गांधी के साथ शिवकुमार और सिद्धारमैया... फोटो Twitter @@INCKarnataka

अमेरिका की इंडियन ओवरसीज कांग्रेस (IOCUS) ने भारत के कर्नाटक राज्य में चुनाव के नतीजे आने के बाद वहां के लोगों को बधाई दी है। IOC ने कहा कि कर्नाटक के लोगों ने अपने 'मत' की ताकत से बता दिया है कि हर चीज की एक हद होती है। IOC ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव की सबसे बड़ी सीख यही है कि राजनीतिक नेता आम जनता के असल मुद्दों पर अपना ध्यान केंद्रित करें।

जीत के जश्न में शामिल शिवकुमर और रमैया

IOC के वाइस चेयर जॉर्ज अब्राहम ने कहा कि यह कर्नाटक के उन तमाम लोगों की जीत है जो स्वतंत्रता और प्रेम की चाहत रखते हैं। बीते पांच साल से कर्नाटक के लोग बीजेपी के साम्प्रदायिक एजेंडा के कारण टकराव, अराजकता और अस्थिरता झेल रहे थे। स्थानीय लोगों ने अपने वोट से साबित कर दिखाया कि अब बहुत हो चुका।

हालांकि नतीजों से पहले ही यह लहर चल पड़ी थी कि कर्नाटक के लोग बीजेपी के शासन से ऊब चुके हैं लिहाजा एग्जिग पोल सियासी बदलाव की बात कर रहे थे। फिर भी मुकाबला कड़ा रहा और इसमें कांग्रेस ने सहजता के साथ बहुमत से कहीं ज्यादा सीटें हासिल कीं। नतीजों के बाद लोकतांत्रिक परंपराओं के मुताबिक निवर्तमान मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। कर्नाटक के इस चुनाव पर तमाम विपक्षी पार्टियों की भी गहरी नजर थी और लोग बेंगलुरु का रुख जानने को बेताब थे क्योंकि अगले साल भारत में लोकसभा चुनाव होना है।

अब्राहम ने एक बयान में कहा कि भारत के लोग मोदी प्रशासन की ध्रुवीकरण की राजनीति से तंग आ चुके हैं। लोग चाहते हैं कि नेता उन मुद्दों पर फोकस करें जिनसे आम जनता दैनंदिन जूझ रही है, जैसे कि महंगाई, बेरोजगारी, खास तौर से युवाओं में बेरोजगारी, आवास की समस्या, स्वच्छ जल और वंचितों के लिए शिक्षा के अवसरों में कमी इत्यादि। कर्नाटक के लोगों ने अपने वोट से यह स्पष्ट और मुखर संदेश दिया है।

अब्राहम ने कहा कि मैं कर्नाटक में सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के ठोस स्थानीय नेतृत्व को बधाई देता हूं जिनके प्रयासों से कांग्रेस पार्टी को इस विशाल जीत तक पहुंचने में मदद मिली। इस जीत ने यह फिर से साबित किया है अगर राज्य के मजबूत नेता मार्गदर्शन करेंगे तो कांग्रेस पार्टी सुदृढ़ होगी। इस जीत में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का भी बड़ा योगदान है। कर्नाटक की यह जीत कांग्रेस के लिए एक टर्निंग प्वाइंट साबित हो सकती है और आगामी संसदीय चुनाव में मोदी सत्ता के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।

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