अमेरिका में रहकर आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) की मदद करने के आरोप में एक पाकिस्तानी डॉक्टर को 18 साल जेल की सजा सुनाई गई है। सजा काटने के बाद भी उसे पांच साल तक निगरानी में रहना होगा।
31 वर्षीय मोहम्मद मसूद पाकिस्तान का लाइसेंसी डॉक्टर है। वह पहले एच-1बी वीजा के तहत मिनेसोटा के रोचेस्टर में एक क्लिनिक में रिसर्च कोऑर्डिनेटर के रूप में काम करता था। अदालती दस्तावेजों के अनुसार मसूद ने जनवरी 2020 से मार्च 2020 के बीच आतंकी संगठन में शामिल होने के लिए विदेश यात्रा करने के लिए एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग एप्लिकेशन का उपयोग किया था।
न्याय विभाग का कहना है कि उसने इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड अल-शाम में शामिल होने को लेकर कई बार इच्छा जताई थी। उसने आतंकवादी संगठन और उसके नेता के प्रति अपनी निष्ठा भी दिखाई। मसूद ने अमेरिका में अकेले ही हमले करने की इच्छा भी व्यक्त की थी।
21 फरवरी 2020 को मसूद ने इलिनोइस के शिकागो से जॉर्डन के अम्मान जाने के लिए हवाई टिकट खरीदा था। हालांकि 16 मार्च 2020 को यात्रा की योजना टाल दी क्योंकि जॉर्डन ने कोरोनो महामारी के कारण विदेशियों के लिए अपनी सीमाएं बंद कर दी थीं।
इसके बाद मसूद एक ऐसे व्यक्ति से मिलने के लिए मिनियापोलिस से लॉस एंजिल्स तक फ्लाइट लेने गया, जिसके बारे में उसका मानना था कि वह मालवाहक जहाज के जरिए उसे आईएसआईएस के इलाके तक पहुंचने में मदद करेगा।
19 मार्च 2020 को उसने रोचेस्टर से लॉस एंजिल्स जाने के लिए मिनियापोलिस-सेंट पॉल एयरपोर्ट गया। उसके बाद हवाई अड्डे पर एफबीआई के संयुक्त कार्य बल ने उसे गिरफ्तार कर लिया।