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'कंगाल' पाकिस्तान और श्रीलंका से भी इस मामले में मीलों पीछे हैं भारत

वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट के अनुसार फिनलैंड पिछले 6 सालों से लगातार पहले स्थान पर है। भारत की रैंक 124 है जबकि भुखमरी झेल रहा पड़ोसी देश पाकिस्तान 109वें स्थान पर है। लेबनान और अफगानिस्तान आखिरी पायदान पर हैं। अमेरिका को 15वां स्थान दिया गया है।

वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट में फिनलैंड को फिर से दुनिया का सबसे खुशहाल देश बताया गया है। Photo by D Jonez / Unsplash

वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट में फिनलैंड को एक बार फिर दुनिया का सबसे खुशहाल देश बताया गया है। खुशी के विभिन्न पैमानों के आधार पर भारत 137 देशों की इस लिस्ट में 124वें स्थान पर है। इस रिपोर्ट की चौंकाने वाली बात ये है कि गिरती अर्थव्यवस्थाओं के बावजूद पड़ोसी देश पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश और नेपाल को भी भारत से ऊपर रखा गया है।

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रिपोर्ट में भारत की रैंक 124 है जबकि भुखमरी झेल रहे पाकिस्तान 109वें नंबर पर है। Photo by Lesly Juarez / Unsplash

वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट में फिनलैंड पिछले 6 साल से लगातार पहले स्थान पर बना हुआ है। उसके बाद डेनमार्क, आइसलैंड, इजराइल और पांचवें स्थान पर नीदरलैंड है। रिपोर्ट में लेबनान और अफगानिस्तान आखिरी पायदान पर हैं। रूस और यूक्रेन की बात करें तो दोनों देशों के बीच युद्ध की वजह से उनकी रैकिंग में गिरावट आई है। रूस 72वें और यूक्रेन 92वें स्थान पर है।

रिपोर्ट में अमेरिका को 15वां स्थान दिया गया है जबकि इजराइल पिछले साल से पांच कदम ऊपर चढ़कर चौथे स्थान पर पहुंच गया है। रिपोर्ट में सबसे अधिक लाभ लिथुआनिया को मिला है। साल 2017 में वह 30वें स्थान पर था जोकि इस बार 20वें स्थान पर आ गया है।

रिपोर्ट में भारत की रैंक 124 है जबकि भुखमरी झेल रहा पड़ोसी देश पाकिस्तान 109वें स्थान पर है। पिछले साल दिवालिया हुए श्रीलंका को 112वां, बांग्लादेश को 118वां और नेपाल को 78वें स्थान पर रखा गया है।

क्या होता है वर्ल्ड हैप्पीनेस इंडेक्स?
यह संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास समाधान नेटवर्क (SDSN) द्वारा तैयार और प्रकाशित एक रिपोर्ट है जो लोगों के जीवन, प्रगति और कल्याण के गुणात्मक मूल्यांकन को रिकॉर्ड करती है। इस रिपोर्ट के मूल्यांकन के लिए कुछ प्रमुख मानदंड होते हैं जिनमें क्रय शक्ति समानता (PPP) के संदर्भ में प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (GPD), सामाजिक समर्थन, जन्म के समय स्वास्थ्य जीवन प्रत्याशा, उदारता, देश में सरकार का रूप, भ्रष्टाचार और जीवन के विकल्प बनाने की स्वतंत्रता आदि को मापा जाता है।

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