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भारत ने फिर कर दिखाया, सूडान में गृहयुद्ध के बीच निकाले गए भारतीय

ऑपरेशन कावेरी के तहत भारतीयों का यह पहला जत्था INS सुमेधा में बैठकर जेद्दाह के लिए रवाना हो चुका है। 500 भारतीय सुरक्षित पोर्ट पहुंच चुके हैं। इससे भी अधिक संख्या में भारतीय रास्ते में हैं।

Photo : @MEAIndia

भारत ने एक बार फिर संकटग्रस्त देश में घुसकर भारतीयों को बचाने का काम किया है। सूडान में 10 दिन से जारी गृहयुद्ध के बीच भारत ने भारतीयों को बचाने के लिए सोमवार को ऑपरेशन कावेरी शुरू किया और आज यानी मंगलवार को 278 भारतीयों को सुरक्षित निकाल लिया। इस ऑपरेशन के तहत भारतीयों का यह पहला जत्था INS सुमेधा में बैठकर जेद्दाह के लिए रवाना हो चुका है। यह जानकारी भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने दी है। खबर है कि भारत ने सूडान से अपने नागरिकों को निकालने के लिए अपने दूसरे नौसेना जहाज INS तेग को भी तैनात कर दिया है।

25 अप्रैल को 278 भारतीयों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। Photo @MEAIndia

बता दें कि सूडान में कुल 3,000 भारतीय फंसे हुए थे, जिनमें से 500 सूडान पोर्ट पर पहुंच गए हैं। दो भारतीय वायु सेना C-130J जेद्दाह में स्टैंडबाय पर तैनात हैं। बाकी भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए भारत सरकार ने सूडानी अधिकारियों के अलावा सूडान के विदेश मंत्रालय, सूडान में भारतीय दूतावास के अलावा संयुक्त राष्ट्र, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र और अमेरिका के साथ भी नियमित संपर्क बनाया हुआ है।

भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने भी सोमवार को ट्वीट करते हुए कहा था कि सूडान में फंसे हमारे नागरिकों को वापस लाने के लिए ऑपरेशन कावेरी चल रहा है। करीब 500 भारतीय पोर्ट सूडान पहुंच गए हैं। इससे भी अधिक रास्ते में है। हमारे जहाज और विमान उन्हें वापस घर लाने के लिए तैयार हैं। हम सूडान में हमारे सभी भाइयों की सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी केरल के कोच्चि में एक जनसभा को संबोधित करते हुए बताया था कि सूडान में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए सरकार ने ऑपरेशन कावेरी शुरू किया है, जिसकी निगरानी केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन कर रहे हैं।

आपको बता दें कि बीते दिन विदेश मंत्रालय ने प्रेस विज्ञप्ति के जरिए बताया था कि भारत सरकार सूडान में फंसे भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। सूडान में जटिल और उभरती सुरक्षा स्थिति की बारीकी से नजर रखी जा रही है। भारतीयों की सुरक्षित आवाजाही के लिए विभिन्न साझेदारों के साथ भी निकटता से समन्वय किया जा रहा है।

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