न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी (NYU) अपने टंडन स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग की रैंकिंग में सुधार के लिए अगले 20 वर्षों में एक अरब डॉलर का निवेश करेगी। टंडन स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग का नाम भारतीय-अमेरिकी समाजसेवी चंद्रिका और रंजन टंडन के नाम पर रखा गया है। निवेश की घोषणा करते हुए NYU के अध्यक्ष एंड्रयू हैमिल्टन ने बताया कि इसका उद्देश्य न्यूयॉर्क शहर को एक प्रौद्योगिकी केंद्र के रूप में स्थापित करना भी है।
मीडिया से साझा की गई जानकारी के अनुसार यूनिवर्सिटी योजना के तहत टंडन स्कूल से सटी 350,000 वर्ग फुट की एक इमारत का अधिग्रहण कर लिया गया है। विस्तार योजना के अंतर्गत शोध कार्यों को बढ़ावा दिया जाएगा और ब्रूकलिन कैंपस को विकसित कर आधुनिक बनाया जाएगा। फंडिंग प्रमुख रूप से बुनियादी अनुसंधान को बढ़ावा देगी। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार नए स्कूल में निवेश के लिए राशि का बड़ा हिस्सा दे दिया गया है। 3 मेट्रोटेक सेंटर बिल्डिंग सितंबर में खरीदी गई थी। यह 10 मंजिला इमारत है।
चंद्रिका टंडन ने अपने पति रंजन के साथ मिलकर वर्ष 2015 में स्कूल को 100 मिलियन डॉलर दान किए थे। टंडन दंपती द्वारा किए गए इस दान का उपयोग प्रयोगशाला में सुधार और रोबोटिक्स के क्षेत्रों में विशेष शिक्षा प्राप्त शिक्षाविदों की भर्ती के लिए किया गया। सात साल पहले स्कूल के लिए दान देते समय चंद्रिका टंडन ने कहा था कि हम NYU और स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग में हो रहे परिवर्तन में भागीदारी का सौभाग्य महसूस कर रहे हैं।
नई विस्तार योजनाओं की घोषणा के समय भी समाजसेवी चंद्रिका टंडन कार्यक्रम में उपस्थित रहीं। आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर उन्होंने लिखा कि समस्याओं के लिए इंजीनियरिंग समाधान की आवश्यकता नहीं होती, उन्हें एक बहु-विषयक समाधान की आवश्यकता होती है।