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रियल एस्टेट में NRI खूब लगा रहे पैसा, 2025 तक 20% तक पहुंच जाएगा

NoBroker.com द्वारा 'NRI रियल एस्टेट रिपोर्ट 2023' से पता चलता है कि एनआरआई भारत के रियल एस्टेट में निवेश करना पसंद करते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025 तक भारतीय रियल एस्टेट बाजार में एनआरआई का योगदान 20 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।

Photo by Douglas Sheppard / Unsplash

भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र में अनिवासी भारतीयों (NRI) का योगदान काफी बढ़ गया है। NoBroker.com द्वारा 'NRI रियल एस्टेट रिपोर्ट 2023' से पता चलता है कि पिछले पांच वर्षों में उनके निवेश में लगातार बढ़ोतरी हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले दो-तीन साल में इसमें और भी अधिक बढ़ोतरी की संभावना है।

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बंगलुरु और मुंबई एनआरआई खरीदारों के लिए पसंदीदा गंतव्य Photo by Jason Dent / Unsplash

2019 और 2020 के बीच भारत में कुल रियल एस्टेट निवेश का लगभग 10 प्रतिशत हिस्सा एनआरआई का था। सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है, जो आज 15 प्रतिशत तक पहुंच गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025 तक भारतीय रियल एस्टेट बाजार में एनआरआई का योगदान 20 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।

NoBroker.com के सह-संस्थापक और मुख्य व्यवसाय अधिकारी सौरभ गर्ग का कहना है कि यह उछाल मुख्य रूप से किराये की वृद्धि, भारतीय रुपये में गिरावट, अनुकूल सरकारी नीतियों और प्रतिकूल परिस्थितियों में भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र द्वारा दिखाए गए लचीलेपन की वजह से है। ये निवेश न केवल कारोबार से प्रेरित हैं, बल्कि उन भावनात्मक बंधनों से भी गहराई से प्रभावित हैं जो एनआरआई अपने मूल देश के साथ बनाए रखते हैं।

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भावनात्मक लगाव भी निवेश के पीछे एक वजह। Photo by Frames For Your Heart / Unsplash

बंगलुरु और मुंबई एनआरआई खरीदारों के लिए पसंदीदा गंतव्य के रूप में उभरे हैं। वास्तव में बंगलुरु 29 प्रतिशत एनआरआई निवेशकों के लिए शीर्ष पसंद है, इसके बाद मुंबई है जहां 24 प्रतिशत एनआरआई ने निवेश किया है।

रिपोर्ट के मुताबिक एनआरआई 1 बीएचके और 2 बीएचके की जगह 3 बीएचके इकाइयों में निवेश करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। जो बड़ी जगह की उनकी प्राथमिकता को दर्शाती हैं। पिछले एक साल में हॉलिडे होम की मांग भी बढ़ी है।

दिलचस्प बात यह है कि 26 प्रतिशत एनआरआई खरीदार 1 करोड़ रुपये से अधिक के बजट वाली संपत्तियों की तलाश करते हैं, जो प्रीमियम और लग्जरी रियल एस्टेट विकल्पों पर बढ़ते ध्यान का संकेत देता है। इसके अलावा 40 प्रतिशत एनआरआई ने कहा कि वे अपनी रियल एस्टेट आकांक्षाओं को 1 करोड़ रुपये से अधिक के बजट के साथ देख रहे हैं। इसके अलावा 54 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने सुरक्षा और सुविधा को ज्यादा तवज्जो दी है।

वहीं रिपोर्ट के मुताबिक 82 प्रतिशत एनआरआई खरीदारों के लिए सूचना और पारदर्शिता की कमी एक प्रमुख चिंता का विषय है। एनआरआई संपत्ति मालिकों के कुल 52 प्रतिशत अपने अचल संपत्ति निवेश को प्रभावी ढंग से देखने के लिए संपत्ति प्रबंधन सेवाओं की इच्छा जताई है।

60 प्रतिशत से अधिक एनआरआई खरीदार भारत में अपने भावनात्मक संबंध और सुरक्षा की भावना को प्रदर्शित करते हुए अपने उपयोग के लिए संपत्ति खरीदना चाहते हैं। 43 प्रतिशत एनआरआई भारत में रहने वाले अपने परिवार के लिए संपत्ति खरीद रहे हैं। 46 प्रतिशत एनआरआई संपत्ति की खोज के लिए रियल एस्टेट वेबसाइटों का उपयोग कर रहे हैं। 55 प्रतिशत से अधिक उत्तरदाता अपने निवेश में बिल्डर की विश्वसनीयता को महत्वपूर्ण मानते हैं।

82% प्रतिशत एनआरआई सटीक जानकारी और निवेश सलाह प्राप्त करने में चुनौतियों का सामना करते हैं, अधिक पारदर्शिता और व्यापक डेटा की आवश्यकता पर जोर देते हैं। किराये की संपत्तियों को एनआरआई के लिए चुनौतीपूर्ण है, जिसमें 63 प्रतिशत संपत्ति प्रबंधन को एक महत्वपूर्ण चुनौती के रूप में मानते हैं। 52 प्रतिशत पेशेवर सहायता की आवश्यकता व्यक्त करते हैं।

भारतीय रियल एस्टेट में एनआरआई की रुचि भावनात्मक संबंधों और निवेश के अवसरों के कारण बढ़ी है। इसके अलावा तकनीक ने संपत्तियों की खरीद, बिक्री और प्रबंधन को आसान बना दिया है। तीसरे पक्ष पर निर्भरता को कम किया है और पारदर्शिता को बढ़ावा दिया है। कुल मिलाकर, संपत्ति प्रबंधन सेवाओं की मांग बढ़ रही है, जो एनआरआई को परेशानी मुक्त संपत्ति प्रबंधन प्रदान करती है।

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