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इस पोर्टल से अब प्रियजनों के पार्थिव शरीर को भारत भेजना होगा आसान

अभी तक किसी प्रियजन के शव को दूसरे देश से भारत भेजने के लिए हवाईअड्डा स्वास्थ्य अधिकारी से ई-मेल आधारित मंजूरी की आवश्यकता होती थी। मौजूदा प्रणाली में कई बाधाएं हैं जो देरी का कारण बनती हैं। एक समर्पित पोर्टल का उद्देश्य बाधाओं को दूर करना है।

किसी प्रियजन के पार्थिव शरीर को अब भारत भेजना आसान हो जाएगा। भारत सरकार ने इसके लिए एक समर्पित पोर्टल को लॉन्च किया है जिसके माध्यम से 48 घंटे के भीतर मंजूरी मिल जाएगी और कहीं दर-बदर भटकना भी नहीं होगा। भारत के स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने यह जानकारी दी है।

बीते गुरुवार को भारत के स्वास्थ्य मंत्री ने एक कार्यक्रम के दौरान इस पोर्टल को लॉन्च किया। मंत्री ने सोशल मीडिया पोर्टल एक्स के माध्यम से लिखा कि आज 13वें नेशनल ऑर्गन डोनेशन दिवस के अवसर पर अंगदान करने वालों, प्रचार-प्रसार करने वाले लोगों एवं अन्य सभी उन संगठनों को सम्मानित किया जिन्होंने इस सेवा कार्य में भागीदारी की। इसके साथ ही विदेशों से बचे हुए मानव अवशेष को सुगमता से वापिस लाने हेतु eCARe पोर्टल को भी लाँच किया है।

मिली जानकारी के अनुसार मृतक के परिवार के सदस्य eCARe या मुत्यु के पश्चात अपने प्रियजनों के अवशेषों के लिए ई-क्लीयरेंस नाम के इस पोर्टल पर प्रासंगिक दस्तावेज जमा कर सकते हैं। हवाईअड्डा स्वास्थ्य संगठन (AHPO) के नोडल अधिकारी 24X7 पोर्टल की निगरानी करेंगे और 48 घंटे के भीतर आवेदन को मंजूरी देंगे।

आवेदक को चार दस्तावेजों जिनमें मृत्यु प्रमाणपत्र, शव लेप प्रमाणपत्र, भारतीय दूतावास या वाणिज्य दूतावास से अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) और मृतक के रद्द किए गए पासपोर्ट की स्कैन की गई प्रतियां जमा करनी होंगी। पोर्टल में दो प्रावधान हैं। एक पार्थिव शरीर लाने के लिए और दूसरा अस्थियां लाने के लिए।

स्वास्थ्य मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने बताया कि ई-केयर पोर्टल का परीक्षण पहले ही किया जा चुका है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि मौजूदा प्रणाली में कई बाधाएं हैं जो देरी का कारण बनती हैं। एक समर्पित पोर्टल का उद्देश्य बाधाओं को दूर करना है। मालूम हो कि अभी तक किसी प्रियजन के शव को दूसरे देश से भारत भेजने के लिए हवाईअड्डा स्वास्थ्य अधिकारी से ई-मेल आधारित मंजूरी की आवश्यकता होती थी।

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