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अमेरिका प्रवेश के दौरान पूरे परिवार की हुई थी मौत, भारत में अब दर्ज हुई FIR

अमेरिका-कनाडा सीमा पर सेंट लॉरेंस नदी पार करने के दौरान एक ही परिवार के चार लोगों की मौत के मामले में गुजरात पुलिस ने तीन आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। खराब मौसम के कारण परिवार के लोग नदी पार नहीं करना चाहते थे। लेकिन उन्हें मजबूर किया गया था।

इस साल 30 मार्च को कनाडा-अमेरिका बॉर्डर पर एक ही परिवार के चारों लोगों की मौत हो गई थी।

गुजरात के एक ही परिवार के चार लोगों की कनाडा से अमेरिका में प्रवेश करने  के दौरान मौत हो गई थी। गत 30 मार्च को यह दर्दनाक वाकया सामने आया था। इस मामले में एक महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद गुजरात की मेहसाणा पुलिस ने अवैध आव्रजन रैकेट में शामिल तीन कथित एजेंटों निकुल सिंह विहोल, सचिन विहोल और अर्जुन सिंह चावड़ा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

मेहसाणा के वसई पुलिस थाने के निरीक्षक जेएस रबारी का कहना है कि तीनों आरोपी एजेंटों ने अमेरिका भेजने के नाम पर मरने वालों के परिजनों से 60 लाख रुपये लिए थे। अमेरिका-कनाडा सीमा पर खराब मौसम के बीच सेंट लॉरेंस नदी को नाव से पार करने के लिए चारों पीड़ितों को मजबूर किया। पुलिस का कहना है कि मरने वालों में प्रवीण भाई चौधरी (50), उनकी पत्नी दक्षा (45), बेटा मीत (20) और बेटी विधि (24) मेहसाणा के विजापुर तालुका के मानेकपुरा-दाभाल गांव के रहने वाले थे। रबारी का कहना है कि एक रिश्तेदार की शिकायत के आधार पर पुलिस ने बुधवार को तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। गुजरात पुलिस के मुताबिक आरोपी निकुल सिंह और सचिन मेहसाणा के वडासन गांव के रहने वाले हैं। सचिन की बहन के पति अर्जुन सिंह मेहसाणा के दधियाल गांव के रहने वाले हैं।

प्रवीण भाई के छोटे भाई अश्विनभाई की शिकायत के आधार पर दर्ज प्राथमिकी के अनुसार चौधरी परिवार तीन फरवरी को आगंतुक वीजा पर कनाडा गया था। उन्होंने बताया था था कि वे छुट्टी पर वहां जा रहे हैं। प्रवीणभाई के कनाडा में होने का पता चलने पर निकुल सिंह ने उन्हें फोन किया और अमेरिका भेजने की पेशकश की। एफआईआर में कहा गया है कि उसने बिना किसी परेशानी के सीमा पार करने में परिवार की मदद करने के लिए कथित तौर पर 60 लाख रुपये मांगे।

इस पर प्रवीण भाई ने अश्विन भाई से 60 लाख रुपये नकद की व्यवस्था करने और निकुल सिंह को देने के लिए कहा। अश्विन भाई ने कर्ज लिया और भुगतान करने के लिए अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से पैसे उधार लिए। निकुल सिंह और अर्जुन सिंह ने 23 मार्च को विजापुर में एक मंदिर के पास नकदी ली, जबकि सचिन व्यवस्था करने के लिए कनाडा में था। पैसे लेते समय दोनों ने अश्विन भाई से कहा कि चौधरी परिवार को सचिन टैक्सी में अमेरिका की तरफ ले जाएगा।

हालांकि परिवार के साथ मौजूद सचिन ने योजना बदल दी और प्रवीण भाई से कहा कि उन्हें नाव में सीमा पार करनी है। लेकिन प्रवीण भाई ने इस प्रस्ताव को तुरंत अस्वीकार कर दिया क्योंकि उस क्षेत्र में मौसम पहले से ही खराब था। परिवार की आशंकाओं के बावजूद सचिन ने उन्हें नाव में बैठने के लिए मना लिया और दावा किया कि वे केवल पांच से सात मिनट में दूसरी तरफ पहुंच जाएंगे और चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। सचिन ने यह भी कहा कि अगर वे नाव में सीमा पार करने से इनकार करते हैं तो उन्हें फिर से ऐसा मौका नहीं मिलेगा।

तीस मार्च को नाव पर सवार होने के बाद विधि ने अश्विनभाई को मेसेज किया कि नाव के इंजन ने बीच में कई मौकों पर काम करना बंद कर दिया और मौसम भी ठीक नहीं है। कुछ समय बाद अश्विनभाई ने परिवार के साथ संपर्क खो दिया। इसके बाद उनके मरने की खबर आई। चारों मृतकों का अंतिम संस्कार 10 अप्रैल को कनाडा में रहने वाले उनके कुछ रिश्तेदारों की मदद से किया गया था।

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