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नेपाल में अकेले चढ़ाई पर लगा बैन, सोलो ट्रेकिंग के लिए करना होगा ये काम

दुनिया की 10 सबसे ऊंची चोटियों में से 8 आंशिक रूप से नेपाल में स्थित हैं, जो विदेशी पर्वतारोहियों के बीच खासी प्रसिद्ध हैं। दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट ऐवरेस्ट पर अकेले ट्रेकिंग करने पर नेपाल में 5 साल पहले ही प्रतिबंध लगा चुका है।

Photo by Kalle Kortelainen / Unsplash

अगर आपको अकेले ही पहाड़ चढ़ने और ट्रेकिंग करने का शौक है और नेपाल के खूबसूरत पहाड़ आपको आकर्षित करते हैं तो ये खबर आपके बहुत काम की है। अब विदेशी पर्यटक नेपाल में किसी भी पहाड़ पर अकेले ट्रेकिंग नहीं कर पाएंगे। नेपाल सरकार ने 1 अप्रैल से नया नियम लागू करने का ऐलान किया है। नेपाल पर्यटन बोर्ड के निदेशक ने इस नियम के पीछे की वजह भी बताई है।

दुनिया की 10 सबसे ऊंची चोटियों में से 8 आंशिक रूप से नेपाल में स्थित हैं। Photo by Sebastian Pena Lambarri / Unsplash

नेपाल में दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट ऐवरेस्ट पर अकेले ट्रेकिंग करने पर पहले से ही प्रतिबंध है। पांच साल पहले ही सरकार इस पर रोक लगा चुकी है। दुनिया की 10 सबसे ऊंची चोटियों में से 8 आंशिक रूप से नेपाल में स्थित हैं, जो विदेशी पर्वतारोहियों के बीच खासी प्रसिद्ध हैं। उन पर चढ़ाई हर पर्वतारोही का सपना होता है। अब इनमें से किसी पर भी अकेले ट्रेकिंग नहीं की जा सकेगी। इसके अलावा दूरदराज के अन्य पहाड़ों पर भी बिना गाइड को साथ लिए चढ़ाई करने पर रोक रहेगी।

taken from Dzonghla
दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट ऐवरेस्ट पर अकेले ट्रेकिंग करने पर पहले से ही प्रतिबंध है। Photo by Cristian Grecu / Unsplash

नेपाल पर्यटन बोर्ड के निदेशक मणि. आर. लामिछाने ने इस प्रतिबंध की वजह भी बताई है। उन्होंने कहा कि अक्सर नेपाल में अकेले पहाड़ों की चढ़ाई करने के दौरान पर्यटक सुनसान इलाकों में गुम हो जाते हैं। दूरदराज के इलाकों में आवागमन के पर्याप्त साधन नहीं होते। मुश्किल मौसम भी परेशानी पैदा करता है। इस वजह से गुम हुए पर्यटकों की तलाश में बड़े पैमाने पर सरकारी मशीनरी को लगाना पड़ता है। इसमें खर्चा भी काफी आता है। कभी-कभी गुमशुदा पर्यटक मिल नहीं पाते और जान गंवा देते हैं। इसलिए पर्यटकों की सुरक्षा को देखते हुए यह प्रतिबंध लगाया गया है।

नए नियमों के अनुसार, नेपाल में आने वाले विदेशी पर्यटकों को अपने साथ गाइड ले जाना अनिवार्य होगा ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने बताया कि ट्रेकिंग के इच्छुक सैलानी सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त गाइड के साथ चढ़ाई कर सकते हैं। रजिस्टर्ड गाइड के अलावा बहुत से अनधिकृत गाइड और एजेंसियां भी हैं, जो सरकार को कोई टैक्स नहीं देतीं। इस कदम से इन पर भी रोक लगेगी। हालांकि सरकार के इस नए नियम का स्थानीय स्तर पर विरोध भी हो रहा है।

नेपाल में विदेशी पर्यटकों को ट्रेकिंग के लिए रूट परमिट और ट्रेकर्स इंफॉर्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम (TIMS) कार्ड भी लेना होता है। इसकी फीस भी बढ़ा दी गई है। लामिछाने ने बताया कि TIMS परमिट की फीस बढ़ाकर अब सभी के लिए 2,000 रुपये प्रति व्यक्ति कर दी गई है। पहले बड़े समूहों में यात्रा करने वाले लोगों को 1,000 रुपये में ये कार्ड मिलता था जबकि अकेले यात्रा करने वालों को 2,000 रुपये देने होते थे। सार्क देशों के नागरिकों को अब 1,000 रुपये में TIMS परमिट मिलेगा।

नेपाल के पर्यटन विभाग ने हाल ही में बताया था कि इस साल के पहले दो महीनों में नेपाल में 1,20,000 विदेशी पर्यटक आ चुके हैं। फरवरी के महीने में जनवरी से 270 प्रतिशत ज्यादा पर्यटक देश में आए हैं। इनमें पहले नंबर पर भारत और दूसरे नंबर पर अमेरिकी पर्यटक हैं। नेपाल में अमेरिका, भारत, ब्रिटेन, चीन, जर्मनी और जापान के पर्यटक खासतौर से आते हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछले साल 22 हजार से अधिक सैलानियों ने सोलो ट्रेकिंग की थी।

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