अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी की नेता और राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार की दौड़ में शामिल भारतीय मूल की निक्की हेली ने चीन को लेकर सख्त तेवर दिखाए हैं। मंगलवार को वॉशिंगटन डीसी में अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टीट्यूट (थिंक टैंक) में अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि कम्युनिस्ट चीन अमेरिकी सुरक्षा और समृद्धि के लिए अब तक का सबसे बड़ा खतरा है। उन्होंने चीन के साथ बातचीत को लेकर बाइडन प्रशासन की भी आलोचना की। इसके साथ ही उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की मित्रता की भी आलोचना की।
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत और उत्तरी कैरोलिना की पूर्व गर्वनर फिलहाल राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए दौड़ में हैं। उन्होंने 2024 में राष्ट्रपति चुने जाने पर चीन के प्रति अमेरिकी नीति में 'व्यापक बदलाव' लाने का भी संकल्प लिया। निक्की हेली ने भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के साथ मजबूत संबंधों का आह्वान किया। कम्युनिस्ट चीन के बढ़ते प्रभाव को दूर करने में इसे मददगार बताया।
निक्की हेली ने अपने भाषण के दौरान कहा कि कम्युनिस्ट चीन अमेरिकी सुरक्षा और समृद्धि के लिए अब तक का सबसे बड़ा खतरा है। यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से हमारे सामने आया सबसे खतरनाक विदेशी खतरा है। उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के प्रति डोनाल्ड ट्रम्प की मित्रता की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि चीनी राष्ट्रपति से दोस्ती करने के उत्साह में ट्रंप ने कम्युनिस्ट पार्टी को चीन पर विजय प्राप्त करने की 70वीं वर्षगांठ पर बधाई दी। इससे दुनिया में गलत संदेश गया। हेली ने कहा कि चीनी साम्यवाद की निंदा की जानी चाहिए, कभी बधाई नहीं दी जानी चाहिए।
हेली ने कहा कि चीनी आक्रामकता को रोकने के लिए राष्ट्रपति के रूप में उनकी शीर्ष प्राथमिकता अमेरिका की अर्थव्यवस्था और सैन्य शक्ति को मजबूत करना होगा। उन्होंने कहा कि हम चीनी आक्रामकता से अमेरिका की समृद्धि और मातृभूमि की रक्षा करेंगे। उन्होंने कहा कि हम अपने समाज में चीन के दखल और हमारी अर्थव्यवस्था में उसके हेरफेर से निपटेंगे। हम कम्युनिस्ट पार्टी को जवाबदेह ठहराएंगे और उसे वैश्विक बचाव की मुद्रा में रखेंगे। यह अमेरिकी नीति में एक बड़ा बदलाव है। यह वास्तविकता पर आधारित है जिसे हमारे नेता स्वीकार करने में विफल रहे हैं।
हेली ने कहा कि वह उन अमेरिकी विश्वविद्यालयों को प्रतिबंधित करेंगी, जो चीनी नकदी के सबसे बड़े लाभार्थी हैं और वहां की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के साथ काम करते हैं। उन्होंने कहा कि हमें उन विश्वविद्यालयों के लिए अमेरिकी फंडिंग को खत्म करना चाहिए जो चीनी धन लेते हैं। हेली ने कहा कि विश्वविद्यालयों को चीन या अमेरिका में किसी एक को चुनना होगा। हेली ने सेना, नौसेना और वायु सेना के बीच सैन्य भर्ती की कमी का हवाला देते हुए कहा कि अमेरिका इस मामले में चीन से पिछड़ रहा है।
निक्की हेली ने अमेरिका से उन सहयोगियों के साथ निकटता बढ़ाने का आह्वान किया जो चीन के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमें और अधिक देशों को अपनी तरफ करना चाहिए। हमें जापान, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया के साथ अपने सैन्य संबंधों को गहरा करना चाहिए। इसके साथ ही भारत और फिलीपींस के साथ मजबूत संबंध बनाने चाहिए।
गौरतलब है कि हेली ने पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले कहा था कि 'भारत एक ऐसा सहयोगी है जो अमेरिका के लोकतांत्रिक मूल्यों को साझा करता है। दोनों देशों के बीच मित्रता व्यक्तिगत है। हमारे बीच व्यापार और सांस्कृतिक संबंधों से लेकर आपसी सुरक्षा हितों तक बहुत कुछ समान है। यह महत्वपूर्ण है कि हम अपनी साझेदारी को बढ़ाना जारी रखें। मैं प्रधानमंत्री मोदी की वाशिंगटन की सफल यात्रा की कामना करती हूं।'
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